Thank you
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पुल ढहे, सड़क टूटे या फिर गिरे स्कूल,
हमने तुमको है चुना, है हमारी ही भूल,
क्या बनेगा, क्या ढहेगा, सब तुम्हारे हाथ है,
नेताजी तुम मौज करो, सब तुम्हारे साथ है।-
गैरों से क्या नाराज़गी अरविंद,
धोखे तो अपनों से मिलते हैं,
जब पेड़ को मूल ही खाने लगे
फिर फूल कहां पर खिलते हैं।-
अब जलने लगे हैं लोग सब मेरी पहचान के,
जब से कदम पड़े है, जीवन में मेरी जान के।-
बदलते मौसम की तरह, बदलने वाले बहुत हैं यहां,
अगर तुम पतझड़ में भी साथ चल सको, तो चलो।-
जहां रखकर सिर हो सकूं चिंतामुक्त, ऐसा कंधा चाहिए,
ज्यादा कुछ नहीं चाहिए बस एक नेकदिल बंदा चाहिए।-
तेरी पायल की झंकार के संग, दिल में सरगम सी बजती है,
गिरती है बिजली दीवानों पर, जब सीसे के आगे सजती है।-
हमें तलब है तो बस, दीदार ए यार की,
उनकी आंखों में बसे बेशुमार प्यार की,
माना कि जिद्दी है वह, पर सुनेंगे जरूर
उनके पास ही दवा है हमारे बुखार की।-
यहां सब ही वफ़ा के मारे हैं, ज्यों टूटे आसमां के तारे हैं,
कोई एक होता तो हाल भी पूछूं, देखो तो कितने सारे हैं,
आतुर हैं खुद को मिटाने को, प्यार का जहान बनाने को
पर कैसे बनेगा ऐसा जहान, खुद को ही कहां ये प्यारे हैं।
ये प्रेम की धुन में मतवारे हैं, सब इश्क़ की बाज़ी हारे हैं,
मर मर कर जीते हैं खुद ही, और इश्क़ की राह संवारे हैं,
कुछ हुए सफल, फिर भी हैं विफल, मन इनका चंचल है
ये आशिक़ हैं नव यौवन के , पतझड़ के फल तो खारे हैं।-