19 SEP 2017 AT 13:43

छुपाकर इन निगाहों को हम से,
अपना दर्द कैसे छुपाओगे
ये झूठी सी मुस्कुराहट,
जो रुकी हुई है होठों पे,
उसमें सच्चाई के रंग कैसे भर पाओगे,
तेरा यूँ अपने कदमों को देखते रहना,
आज भी याद है हमें
है जो लिखा दर्द तेरी आँखों में,
उसे खुशियों में तब्दील कैसे कर पाओगे

©Devika parekh

- तरपल