सम्मान से जीएं,
अभिमान से नहीं
यही जीवन का व्याकरण है-
देवीचंद संचेती
(देवीचंद संचेती)
27 Followers · 9 Following
Joined 24 July 2019
30 SEP 2021 AT 11:15
जरूरी है अपने जेहन में राम को जिंदा रखना,
क्योंकि पुतले जलाने से कभी रावण नहीं मरते..-
10 SEP 2021 AT 10:51
कागज के टुकड़े करना सरल है
कपडे के टुकड़े करना थोडा कठिन है
लोहे के टुकड़े करना काफी कठिन है
लेकिन
हमारे जीवन में सबसे ज्यादा कठिन कुछ है तो वह है हमारे दिमाग के अन्दर स्थित "अहम" के टुकड़े करना-
29 JUL 2021 AT 15:24
इस जीवन में
जीने से अधिक
मरने के क्षण आयेंगे,
किंतु हमें
उनमें भी जीना है-
21 JUL 2021 AT 10:31
दौलत
सिर्फ इंसान के
रहन-सहन का तरीका
बदल सकती है
बुद्धि , नीयत और
तकदीर नहीं-
13 JUL 2021 AT 13:23
उबलते पानी मे
"परछाई"
और
परेशान "मन" से
समाधान" नही दिखते
अतः शांत चित्त रहिए-
5 JUL 2021 AT 22:32
"वो दे दे तो शुक्र कर"
"ना दे तो सब्र कर"
ऐ बंदे,तू अपनी जिन्दगी में..
इन दो बातों पर अमल कर..-
25 APR 2021 AT 12:36
हे दुख भंजन त्रिशला नंदन
सुन लो मेरी पुकार
सिद्धार्थ सुत वंदन बारंबार
सिद्धार्थ सुत वंदन बारंबार
हे दुख भंजन त्रिशला नंदन ।-