Only one person in the world thats Your mother can feel your pain,imotions in the same way as you feel yourself and it is the father who can get you whatever you want in the world.Always love and respect your parents.Do what ever you can do for themselves.
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कुछ बातें अनकही ज... read more
तेरे लबों पे ये हसी जचती है,
हक है तुझे खुशी पे,तू खुश रहा कर,
मां, बेटी, बहु, बहन कोई भी नाम हो तेरे,
तू बिना हिचकिचाहट के सारे बंदिसें तोडा कर,
हक है तुझे खुले आसमान पे,तू पंख फैलाए उड़ा कर,
जीया हमेशा दूसरो के लिए ही,कभी खुद के लिए भी सोचा कर,
हक है तुझे अपने जिंदगी पे,बेखौफ तू जीया कर,
ये रिवाज,परंपरा,समाज दुनिया की बातें तो जन्मों तक चलती रहेगी,
हक है तेरे ये धरती पे,तू खुद के साथ न्याय कर,
उठेंगे सवाल कई बार तेरे रंग,ढंग, उठना, बैठना, चलना, बोलना सब पे,
हक है तुझे इन सवालों पे,सारे सवालों का जवाब तू बिना परवाह के दिया कर,
तुझे हक है सपने बुनने की,तू हर मैदान फतेह कर,
तू औरत है,तेरे लिए अलग ही पैमाने बने है यहां,
तुझे हक है आगे बढ़ने की,तू अकेला कदम बढ़ाया कर,
हर बार दुश्मन मिलेंगे तुझे, कही मर्द और कही खुद औरत,
हक है तुझे अपना पक्ष रखने की, डटके तू सबका सामना कर,
तू ही दुर्गा,तू ही काली है,पहचान खुदको एक बार,
हक है तुझे खुद पर,खुद कि जिनमेदारी तू खुद ही उठाया कर,
ये मासूम सी हसी जचती ही तुझ पे,
तू खिलखिला के खुल के हसा कर।-
तेरे लबों पे ये हसी जचती है,
हक है तुझे खुशी पे,तू खुल के हसा कर,
मां, बेटी, बहु, बहन कोई भी नाम हो तेरी
तू बिना हिचकिचाहट के सारे बंदिसें तोडा कर,
हक है तुझे खुले आसमान पे,तू पंख फैलाए उड़ा कर,
जीया हमेशा दूसरो के लिए ही,कभी खुद के लिए भी सोचा कर,
हक ही तुझे अपने जिंदगी पे,बेखौफ तू जीया कर,
ये रिवाज,परंपरा,समाज दुनिया की बातें तो जन्मों तक चलती रहेगी,
उठेंगे सवाल कई बार तेरे रंग,ढंग,उठना,बैठना,चलना,बोलना सब पे,
हक है तुझे इन सवालों पे,तू खुद पे यकीन कर,
तुझे हक है सपने बुनने की,तू हर मैदान फतेह कर,
तू औरत है,तेरे लिए अलग ही पैमाने बने है यहां,
तुझे हक है आगे बढ़ने की,तू अकेला कदम बढ़ाया कर,
हर बार दुश्मन मिलेंगे तुझे, कही मर्द और कही खुद औरत,
हक है तुझे अपना पक्ष रखने की, डटके तू सबका सामना कर,
तू ही दुर्गा,तू ही काली है,पहचान खुदको एक बार,
हक है तुझे खुद पर,खुद कि जिनमेदारी तू खुद ही उठाया कर,
ये मासूम सी हसी जचती ही तुझ पे,
तू खिलखिला के दिल खोल के हसा कर।-
जिस को जिंदगी बनाया था हमने,
वो ही मौत का तोफा दे गया,
भीड़ में बस उसे ढूंढा था हमने,
देखो आज वो ही अकेला कर गया,
खुद को उसी में देखा था हमने,
जाने कब वो खुद से जुदा कर गया,
कहा चली गई वो मोहब्बत,
बारिश में भी दिल ये बंजर सा हो गया।-
जो थे सिकबे गीले वो आंखो से आज बयान हो जाए,
घुलता रहे वो बीते यादें चाय में मीठी मिश्री की तरह,
मौसम वो सावन का फिर से आ जाए,
रूह उसके बूंदों में जरा सुकून पा जाएं,
जाने फिर वक्त नसीब हो न हो,
इसी खामोशी में जींलें चलो कुछ उम्र साथ हम,
फिर जिंदगी से न कोई तम्माना हो,
न ही मोहहब्त से कोई इल्म रहे।-
जब बाहर बाले कुछ ग़लत कहे या दिल तोड़े,
तो खुद को सबार लेना आसान होता है,
लेकिन तुम जिसे अपना मानते हो और प्यार करते हो,
वो अगर पल पल तुम्हे तोड़ना रहे अपने कड़वी बातों से,
तो इंसान सही में धीरे धीरे टूट ही जाता है।-
अकेलापन बहोत डसता है जनाब,
पर किसी का साथ होके भी तन्हा होना,
ये सच में जान ही ले लेता है।-
आखिर कब तक पत्थर बनी रहूं,
एक ना एक दिन तो टूटना था,
तेरे जितने के दिन करीब आ गए है,
मुझे ज़रा सा भी मन नहीं अब जीने का,
अब मैदान छोड़ रही हूं में,
दिल नहीं करता अब झगड ने का,
अरे मोहब्बत किया था मैने तुझे,
मीठे सपने साजाए थे तेरे साथ,
दुश्मन नहीं मुझे तेरे मेहबूब बनना था,
साथ हो कर भी सदा तन्हा रहे हम,
सायद ये रिश्ता कुछ और हो सकता था,
कमजोर पड रही हूं आज क्यों ना जानू में
मन कर रहा है जोर जोर से रोने का,
पूछना खुद से कभी क्या ऐसे ज़िन्दगी
तुझे कभी भी चाहिए था?-
यहां मां बाप के सिवा और कोई नहीं है,
जो आपका खुसी की खायाल रखे,
इसी लिए दुनिया का परवा किए बिना,
खुद के लिए भी जीना चाहिए,
और अपनी खुशियां दूसरे में नहीं,
खुद में ढूंडना चाहिए।-