नर्क चतुर्दशी का पता नहीं
फिलहाल तो मैं जीते जी नर्क में हूं-
उच्च विचार, निर्मल सा मन
"You may be my past, but I never wanted you to be this..."
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"Na daulat , na shohrat
Na skill mere paas m
Phir bhi sabko maine
Diwana kar rakha hai"-
तुम्हारी दोस्ती भी क्या खूब रही ए दोस्त!
तुम्हारे बुरे वक़्त में सबसे पहले बुला लिया
मेरी बारी जब आई तो पीछा ही छुड़ा लिया...-
दरख़्त के पत्ते सुख गए
ओस पानी में तब्दील हो गया
जो आया करता था रोज कभी
अब वो खातिर मेरे ' ईद ' हो गया।-
अजीब सिलसिला है तेरा भी ए ज़िन्दगी!
मौत तो नही देती
पर चैन से जीने भी नही देती...-
कहा करता था न मैं कि तुम्ही से जानते है सब मुझे
फिलहाल तो मेरी हालत इस मामले में गली के कुत्ते से भी बद्तर है...-
"अफवाहों का बाजार गर्म
तुझ से होता है
चली तू गई है
मगर आज भी जिक्र मेरा
तुझ से होता है ...."-
"I don't need dare to write anything about someone, but I need it when to post somewhere...."
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