संबंधों को हानि लाभ देखकर निभाने वाले ।
जीवन में रह जाते है वो सिर्फ दुख के हवाले।।
सबको को पता किसका कितना है कौन सहारा ।
फिर भी चिल्लाता रहता है ये अपना ये पराया।।
किस बस्ती में आकर डाला हमने तुमने डेरा।
यहां रोशनी कहकर बांटा जाए रोज अंधेरा।।
सत्य पराजित होता रहता, है झूठों का डेरा।
कैसे नाव चलेगी इस कस्ती में चाहे मेरा हो या तेरा।-
अफसोस हम क्यों करें ,कि हमें वो ना मिला ।
अफसोस तो वो करे, जिन्हे हम जैसा ना मिला।।— % &-
कई साल बीत जाने पर पेड़ की शाखें भी टूट जाया करती है
कई साल बीत जाने पर पेड़ की शाखें भी टूट जाया करती है
सनम तेरी यादें में यह हवायें भी हमसे रूठ जाया करती है..-
सपने और अपने बड़ी मुश्किल से मिला करते है
जनाब इनको पाने के लिए मेहनत करनी पड़ती है-
"सुविचार"
जब आप अपने जीवन के कमजोर स्थिति में हो ना
तब आप सबसे मजबूत होने का दिखावा करो
क्योंकि इस समय कुछ ऐसे भी लोग होते है
जो मदद करके जीवन पर्यन्त एहसान लाद देते है
अपने आप को इतना सुदृढ़ एवं समझदार बनाइये की
यह हाथ हमेशा देने के लिए ऊठे ना कि लेने के लिए
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साथ था
तो कीमत का पता नही था
साथ नही है
तो जिंदगी का पता नही है
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सुन सुनकर प्रेम के उन्मादों को मेरा अंतर्मन बोल उठा
क्या इन सब बातों के लिए मैंने तुम्हे धरती पर भेजा है
जाओ उठकर देखो बाहर निकलो कुछ तो ऐसा काम करो
चलो नही कर सकते तुम भारत माँ की सेवा
कम से अपनी माँ का तो तुम सम्मान करो
नही मैं सुन सकता तीखे नयन ,होंठ गुलाबी
नही सुन सकता इतनी प्रेम विलापो को
आओ मेरे साथ बैठकर भारत माँ का गौरवगान करो
अगर नही कर सकते तुम इन चीज़ों को तो
कम से कम अपनी माँ का तो सम्मान करो-
चार दिन से ज्यादा टीक नही रही तो टिकाएं कैसे ,
दिल में कोई और बसा है तो तुम्हे बसाएं कैसे।
भूलोक से परलोक तक रहने का वादा तो कर लिया ,
पर बिन लग्न के देह पर अधिकार तुम्हारे जतायें कैसे ।
सुंदर उपवन का फूल तो लगा लिया पर सजाएं कैसे ,
पास बैठाकर आंखे मिलाकर दिल का हाल सुनाएं कैसे
जीवन में राधा और ना टूटने वाला वादा तो कर लिया
पर सच बताये दिल में कोई और बसा है तो तुम्हे बसाएं कैसे
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ट्रैन का सफर
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मस्त मलंग हवाओँ का चलना
किसी की याद में खो जाना
वो ट्रैन का सफर बड़ा अच्छा लगता है।
वो हिलती हुई ट्रैन का चलना
उन हवाओं का आँखों को सहलाना
सच बताये वो ट्रैन का सफर बड़ा अच्छा लगता है।।
ट्रैन में चढ़ते ही चार्जर प्लग पर ध्यान जाना
उसके बाद सुहाना सफर जैसे गानों पर डूब जाना
वो ट्रैन का सफर बड़ा अच्छा लगता है ।।।
कभी कट पट करती पटरियो का आवाज लगाना
और कभी अचानक से चाय चाय का चिलाना
वो ट्रैन का सफर बड़ा अच्छा लगता है ।।।।
कभी चाय के स्वाद में खो जाना
तो कभी प्रकृति की सुंदरता का दिख जाना
वो ट्रैन का सफर बड़ा अच्छा लगता है ।।।।।
--------- देवेंद्र मिश्र
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जवानी अगर बिस्तर में बिताओगे तो ....
बुढ़ापे में फिर तुम बहुत पछताओगे
उठो जागो और लक्ष्य प्राप्ति से पहले मत रुको
स्वामी जी की बात का मान नही बचा पाओगे
जीवन में सिर्फ दर दर की टोकरे खाओगे
सच बताये कभी अपनो से आंखे नही मिला पाओगे
क्या जीवन को एक साधारण आदमी की तरह बिताओगे
उठो भाई जवानी को इस तरह बिस्तर में नही बिताओगे-