Devender Verma   (Man Verma)
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Joined 16 May 2017


Joined 16 May 2017
14 MAY 2023 AT 16:46

" माँ "

मंजिलों को ढूंढते कहा खो गये है हम..!!

मुड़ कर देखा तो कहाँ खो गए अपने...!!
आखिर इतने बड़े क्यु हो गये है हम ...!!
दिन भर काम के बाद जब घर आता हूं ...!!
तो पाप पूछते है....!!
*------कितना कमाया -------*??
बीबी पूछेगी ...!!
*--------कितना बचाया-----*??
बच्चें पूछेंगे....!!
*-------किया लाये -----*??
पर माँ पूछेगी ...!!
*------बेटा कुछ खाया-----*????

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14 MAY 2023 AT 16:39

मुझे किसी की जरूरत नहीं
इसको अहम कहते हैं और
मेरी जरूरत सबको है
इसको वहम कहते हैं

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12 MAY 2023 AT 18:02

कोई बात करे तो ठीक न करे तो ठीक
इस वाले राह पर सवार हो गया हू मै
लोगो को लगता है मुझमें गुरुर आ गया है
मुझे लगता हैं समझदार हो गया हू मै

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25 FEB 2022 AT 18:32

आज अचानक उसे मेरी याद आई है
लगता है कोई मुसीबत उसके पास आई है
यू तो याद नही करती वो वज़ह मेरी
कोई तो वज़ह है जो उसे मेरी याद आई
अब किया इलाज करू उसके दर्द का भला
मैने तो खुद इस दर्द की दवा मंगवाई है
अब किया फायदा तेरे वापस आने का
जिस्म से जुदा होकर कभी रूह वापस आई है

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19 OCT 2021 AT 17:18

शायद हमारा किस्सा आगे बड़ना ही न था
शायद तुमको मेरी दुल्हन बनना ही न था
शायद तेरे नाम के पीछे मेरा नाम जुड़ना ही न था
शायद तेरे हाथ का खाना मुझे चखना ही न था

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19 OCT 2021 AT 17:06

तेरी याद हर रोज आती हैं
पर तेरा नाम न लूंगा
लिखूँगा हर शायरी तेरे लिए
पर तेरा नाम न ले पाऊँगा

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9 JUL 2021 AT 19:39

अजीब दास्ता है तेरी यादों की
न सोने न जागने देती हैं
बस रोने की इजाजत देती हैं
खत्म हो गई हमारी कहानी अब तो
बस कुछ यादों के अलफाज बाकी हैं
हमारी अधूरी कहानी की
मुक्कमल याद बाकी हैं

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3 JUN 2021 AT 20:03

याद तुम्हारी मुझे इस कदर सताती है
गुज़रती शाम भी दिल पे गुज़र के जाती है

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25 MAY 2021 AT 13:47

जब छोटे थे तो कुछ बाते भूल जाया करते थे
अब बड़े हुए तो हर बात याद रहती हैं
और लोग कहते हैं भूलना सीखो

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25 MAY 2021 AT 13:39

हम किताब थे किताब ही रह गए
वो कहानी थे बदलते चले गए

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