जीवन है पहर भर कहर ना बनाओ,
घर के किनारे नहर न बनाओ।
खूबसूरत समा ज़िन्दगी संग बनाओ,
रोकर के जीवन जहर ना बनाओ।
अंधेरा रहेगा नही पथ हमेशा,
परायो के घर को ठहर ना बनाओ।
जीवन हकीकत सदा तुम गुजरो,
नफरत में अपना शहर ना जलाओ।
जवानी रहेगी नही उम्र भर,
यूँ बुढ़ापे को अपना नजर ना दिखाओ।
इस उम्र में हर घर है तुम्हारा,
भटकर किसी का घर न उजारो।
आएगा एक दिन जब रहोगे अकेला,
अभी से कांटो का सफ़र ना बनाओ।
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