मिल ही जाएगी मंजिल राहो मे चलते चलते
गुमराह तो वो है जो घर से नहीं निकले कभी।-
अभी और लिखना बाकी है
शब्दों से पंक्तियां और पंक्तियों से पृष्ठ
ये... read more
बेबाकी और बोल्डनेस अपनी जगह पर सही है
पर गीता, महाभारत आदि शास्त्र यही बताते हैं कि
यदि युद्ध का माहौल हो तो अपने देश के राजा की बुराई
और दूसरे देश के प्रति सम्मान प्रकट करना देशद्रोह है
ह्यूमैनिटी, इक्वालिटी और वगैरह राष्ट्र धर्म का हिस्सा हैं
आशा है नेहा खलीफा तक बात पहुंचे इनका पंचनामा तगड़ा बनना उचित है
जय श्री परशुराम।-
kindly show some kindness
put off the fire and we need only your brightness-
शहर की फ़िज़ाओं में नफ़रत भरी है
और हम है कि क़िस्मत को जिम्मेवार ठहराते रहे।-
इस रंग बदलती दुनिया में,
वफ़ा की कीमत क्या लगाइएगा
अकसर मायूस वही कर देते हैं
जिनसे हम उम्मीद लगा लेते हैं ।-
मेरी सोच जहां तक जाती है वहीं तो तुम रहती हो एक प्यारी सी याद बनकर।
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इस नश्वर जीवन में कोई भी प्राणी किसी को सुख या दुःख नहीं देता , सब अपने प्रारब्ध को यहां भोगने आएं हैं
पुत्र को जन्म मां देती है , किन्तु वो उसकी रचना कार नहीं
सब कर्मों पर आधारित है कि सुख मिलेगा या दुःख।-
आज कल एक कीड़े ने लोगों को काटा हुआ है वोह
है कम समय में बहुत बड़ा आदमी बनने की चाह
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जो लब्ज़ बयां करें उसे सिर्फ़ चाहत कहते हैं ,
पर दिल में छिपी अधूरी ख्वाहिश को मोहब्बत कहते हैं ।
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