गंगा किनारे किसी घाट में मिलना हमारा हो
साथ में इक कश्ती और मेरा दिल तुम्हारा हो
गवाह लहरे हो सबूत चंचल बहता पानी हो
रेत में घुलती मिलती अपनी पूरी कहानी हो-
कुछ हजार लिख रखे है मैने हमारी याद में।
ग़ज़ल , नज़्म , शा... read more
हैरत है कि तुम मुझसे मेरा हाल पूछते हो
मैं हूं जो बात बात पर आजमाया गया हूं-
जो अपनी खूबियों की तलाश में
भीड़ का हिस्सा नहीं रहता।
वो अक्सर भीड़ के आगे रहता है।
कुछ नया करने कि चाहत लिए
वो अक्सर लोगों से कम मिलता है।
इस दुनिया की भीड़ में वो अकेले
कहीं चुपचाप रहता है।
करोड़ों की भीड़ में वो इंसान या तो
गुमनाम रहता हैं या मशहूर रहता है।
दुनिया से अंजान वो जाने
कितनो के सपने लिखता है।
खुद की तलाश में वो लोगो
से दूर रहता है।
-
सोचा था करेंगे इश्क़ तो खत लिखेंगे
उनके साथ बेहिसाब बातें कुछ वक्त लिखेंगे
जियेंगे जो साथ वो वक्त कम लिखेंगे
बिछड़ने के बाद का हर मंजर हर वक्त लिखेंगे-
आइने बताते है हर एक शख्स की शख्सियत
हम ऐसे ही आइनो से बचते नही फिरते-
जाया करने को तो बहुत कुछ जाया किया लेकिन
मैं तुम पर अब और लफ्ज़ जाया नही कर सकता-
कुछ मोहब्बतो का अधूरा रहना कुछ ऐसा होता है
एक आस होती है और पूरी जिन्दगी गुजर जाती है-
कई बरस गुजरे मेरे बस उसके इंतजार में
कई और बरस मुझको ऐसे ही गुजारने है-