बढ़ रही है ठंड भी और सुलग रहें हैं अरमान भी इतनी सी ख्वाहिश है इस सर्द मौसम में तुमसे सुला दो मुझे भी अपने साथ रजाई में अपनी जांघों के बीच मेरा सर लेकर हो रहा दिल बेईमान भी
तुम्हारे हर ख्याल का ख्याल रखता हूं तुम्हे हर पल मैं इतना ज़्यादा याद करता हूं नहीं रह पाता एक पल भी बिना तुम्हारे इसलिए तस्वीर तुम्हारी हमेशा आंखों के पास रखता हूं