Dev Raj   (Romantic Dev ❤️)
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Revoked 😡
Joined 22 June 2022


Revoked 😡
Joined 22 June 2022
17 OCT 2022 AT 16:05

छोड़कर अधूरी मेरी हसरतों को
आग मुझमें भड़का दो तुम
तलब तेरी ही रहे मुझे हर बार
इतना तलबगार बना दो तुम

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17 OCT 2022 AT 13:57

बढ़ रही है ठंड भी और सुलग रहें हैं अरमान भी
इतनी सी ख्वाहिश है इस सर्द मौसम में तुमसे
सुला दो मुझे भी अपने साथ रजाई में
अपनी जांघों के बीच मेरा सर लेकर हो रहा दिल बेईमान भी

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17 OCT 2022 AT 7:50

एक इंच भी छोड़ने का दिल नहीं करता
इतनी गहराई तक तुम्हारी उतर जाऊं मैं

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16 OCT 2022 AT 19:54

मुद्दतों से भरे पड़े थे अरमानों के सैलाब दिल में
आए जो वो मिलने मुझसे बारिश की तरह सब बह निकले

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16 OCT 2022 AT 15:53

बेशक देखें हैं मैंने हज़ारों ख़्वाब मगर
हर ख़्वाब की हकीकत सिर्फ़ तुम ही हो

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16 OCT 2022 AT 15:20

धुल जाती हो अगर यादें बारिश के पानी से
तुम्हारी कसम में बहुत पहले समंदर में डूब जाता

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16 OCT 2022 AT 11:38

तुम्हारे हर ख्याल का ख्याल रखता हूं
तुम्हे हर पल मैं इतना ज़्यादा याद करता हूं
नहीं रह पाता एक पल भी बिना तुम्हारे
इसलिए तस्वीर तुम्हारी हमेशा आंखों के पास रखता हूं

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16 OCT 2022 AT 8:04

मदहोश कर देता है उनके देखने का अंदाज़
और लोग सोचने लगे हैं की ये पीता बहुत है

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15 OCT 2022 AT 12:17

भर ही गए थे ज़ख्म मेरे और
कि तुम फिर से याद आ गए

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15 OCT 2022 AT 9:13

मुनासिब है कि एक चेहरे पर कर ली आंखें पाबंद
वफ़ा ए तौहीन होती है हर चेहरे पर यूं मार जाना

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