मुझें पता हैं आज तुम्हारे पास होना चाहिए था,
मुझे तुम्हारे साथ होना चाहिए था,
हाथों में यूं हाथ होना चाहिए था
दिल को दिल का एहसास होना चाहिए था।
तो सुनो कि..........
सिर्फ आज नही हमेशा तुम्हारे पास हूँ मैं,
हर वक़्त, हर पल तुम्हारे साथ हूँ मैं,
तुम्हारे दो हाथों में से एक हाथ हूँ मैं
सुनो...!!! तुम्हारे दिल का हर एक एहसास हूँ मैं।-
कौन कहता है कि मैं शायर बनने की बात करता हूँ,
मैं तो शब्दों के समुन्... read more
खुदा की मुझ पर की गई नेमत हो तुम
मोहोब्बत की मुझ पर रहमत हो तुम,
ठंड की सर्द हवा हो तुम,
मेरे हर मर्ज़ की दवा हो तुम,
पुर्णिमा की चाँदनी रात हो तुम
बारिश की पहली बरसात हो तुम,
मेरी हर समस्या का हल हो तुम
मेरे बरसों के सब्र का फल हो तुम,
मेरी सुबह से लेकर शाम हो तुम
दिन रात जो लेता रहता हूँ वो नाम हो तुम,
सेहरा के बीचों बीच पानी का कुआँ हो तुम
मेरे लिए तो जैसे कोई दुआ हो तुम,
इतने दिनों की बैचनी खत्म हुई सुकून हैं अब हो तुम
मेरे लिए तो जैसे मेरे रब हो तुम,
मेरे ऊपर खुदा का खेला गया खूबसूरत दांव हो तुम
इस बीच भंवर मुझें सहारा देने वाली नाव हो तुम,
मेरा प्यार,मेरा इश्क़,मेरी मोहोब्बत, मेरी जान हो तुम
सुनो इस #देव की मुस्कान हो तुम।-
मैं सियाह सी रात कोई उस रात का चाँद हो आप,
मैं संगीत का बेसुरा राग कोई उस संगीत की तान हो आप,
मैं बेमतलब सी कहानी कोई उस कहानी को सुनने वाले कान हो आप,
मैं अपने लक्ष्य को भुला हुआ तीर कोई उस तीर की कमान हो आप,
मैं ख़ामोश सा शख़्स कोई उस शख़्स की ज़ुबान हो आप,
मैं दुनिया से अनजान कोई, इस दुनिया में मेरी पहचान हो आप,
मैं सुनसान पड़ी मस्जिद कोई उस मस्जिद की आज़ान हो आप,
मैं गर्मी की चिलचिलाती धूप कोई, उस गर्मी में राहत देने वाली शाम हो,
मुझ न समझ को क्या पता मोहोब्बत किसे कहते हैं, सच पूछो तो मेरे लिए मोहोब्बत का दूसरा नाम हो आप,
वैसे तो दुनिया मैं आपसे ज्यादा समझदार नही कोई, मोहोब्बत मुझसे करली जान सच में नादान हो आप,
मैं शायद बेमतलब सा इश्क़ आपका, पर मेरी जान हो आप
#देव के लिए दुनिया जैसे गम का कोई समुंदर थी अब इस देव की मुस्कान हो आप।-
आसूँ छिपे थे ख़ामोशी के पीछे मेरे
कौन कहता हैं दर्द का निशान नही था,
ख़्वाब देखे थे उम्रभर साथ के
कौन कहता हैं कोई अरमान नही था,
खत्म हो गई ज़िन्दगी आँखों के सामने मेरी
कौन कहता हैं मेरा नुकसान नहीं था,
एक शख़्स के आ जाने से हुआ हैं रोशन
कौन कहता हैं सफर मेरा वीरान नही था।-
सब सही थे एक मैं ही गलत था
मेरी नकामियाबी का शायद यही मतलब था,
तमाम गैरो को लोगो से जोड़ा हैं मैंने
और आज तन्हा चलना ही मेरा सबब था।-
बस इसी आदत के चलते दूर किए मैंने मेरे अपने और मेरे अक्स,
थोड़ा गहराई से पढ़ने की आदत हैं मेरी फिर चाहे वो शब्द या शख़्स।-
कभी जो मन हो असफल लोगो को पढ़ने का तो पढ़ना मुझें....
ज़िद को समझौते से बदला हैं मैंने
लड़ना तो मानो जैसे भूल ही गया,
डर अंधेरे को छोड़कर सबसे लगता हैं मुझें
ग़ुस्सा तो आँखों से पानी बनकर बह गया।
कभी जो मन हो असफल लोगो को पढ़ने का तो पढ़ना मुझें...
ऊंची आवाज़ को घूरने वाली आँखे
अब गाली सुनकर भी झुक जाती हैं,
हवा से बातें करती थी कभी मेरी गाड़ी
अब चलते-चलते रुक जाती हैं।
कभी जो मन हो असफल लोगो को पढ़ने का तो पढ़ना मुझें...
वक़्त की आँखों में आँखे डालकर देखता था मैं कभी
सोचता था करना सपनो को साकार हैं,
पर अब शायद टेक दिए घुटने वक़्त के आगे
सोचता हूँ वक़्त से लड़ना बेकार हैं।
कभी जो मन हो असफल लोगो को पढ़ने का तो पढ़ना मुझें...
उम्मीद... एक काल्पनिक शब्द हैं मेरे लिए
जुनून मानो अतीत में गुम गया हैं कही,
सफलता?? ये किस चिड़िया का नाम हैं?
जहाँ कल खड़ा था मैं उससे भी 4 सीढ़ी नीचे खड़ा हूँ कही।
और कभी जो मन हो असफल लोगो को पढ़ने का तो पढ़ना मुझें...
जो कल था क्या आज भी मैं हूँ देव वही???-
एक रोज़ कहा था मैंने उससे.......
उस रोज़ से डरो जिस रोज़ मैं तुम्हें खोने से डरना बन्द कर दूँ।-
मेरी ख़ामोशी की वज़ह नही समझी किसी ने
बस मुझे मेरे मयार से जुदा समझ लिया,
और अपनी सीरत से हटकर थोड़ी तबज्जो क्या दी मैंने उस शख़्स को
उस शख़्स ने खुद को खुदा समझ लिया।-
वक़्त बदला तो चल दिये छुड़ा कर हाथ सभी मेरे दोस्त,
अच्छा ग़ैर तो फिर ग़ैर थे पर तुम भी मेरे दोस्त,
और जब सबकुछ हारकर निकला मैं बाज़ार में बेचने अपने आँसू,
लोगो ने कहा अपनो के दिए तोहफे बेचते नही मेरे दोस्त।-