मैं कहीं फंस कर नही रहा,
हालातों से,
ख्यालातों से,
जज्बातों से,
रातो से,
मैं निकल आया कैसे भी,
हा रुका जरूर-रुका जरूर!
की निकलना आसान नही था।-
YQ hashtag:- #devfantasy
To listen :- #dev_voice
My series:... read more
खुदसे इस तरह क्यों पेश आता हूँ मैं?
मुसीबत में किसके दर को जाता हूँ मैं?
तकता रहता हूँ समय फिर सो जाता हूँ,
बंद आँखों में कौनसे ख़्वाब सजाता हूँ मैं?
बेरूख़ी इतनी की मुँह ना लगाऊँ खुदको,
खुदके बिना ही कैसे ज़िन्दगी बिताता हूँ मैं?
मोहब्बत के बाद जो बचेगा मेरे पास मे,
क्या बचेगा? खुदको यह कहकर सताता हूँ मैं।
मैंने खुदसे बेहतर माना है सबको हमेशा, तो
तेरी जीत मे तुझसे ज्यादा खुशियाँ मनाता हूँ मैं।
उसूलों ने खड़ा रखा है मुझे महफिलों मे वरना
हार ही जाता, अकेले में खुदको खूब हँसाता हूँ मैं।-
मैं कुछ जब बन जाऊंगा,
कुछ भी नही कहूँगा,
मैं कुछ जब बन जाऊंगा,
शिकवे नही रखूँगा,
जियूँगा, शोर भरे दिन,
सुकून भारी राते,
उसके बीच के समय को,
मैं कुछ जब बन जाऊंगा,
चिल्लाऊंगा भी नही,
आहिस्ता आहिस्ता बोलूंगा,
सबकी ख़बर रखूंगा,
अपनी ख़बर भी दूंगा,
मैं कुछ जब बन जाऊंगा,
जिम्मेदारियां उठाऊंगा,
हिस्सेदारियाँ मिटाऊंगा,
लुटाऊंगा खुशियां,
रिश्ते निभाऊंगा
पर मेरे कुछ बन जाने से पहले,
मैं कुछ भी नही बनूँगा!-
Someone send me about YQ shutting down,
recently I was not that active, because you stay away
from home so that one day you can return..
मंज़िलें लाख कठिन आएँ गुज़र जाऊँगा
हौसला हार के बैठूँगा तो मर जाऊँगा
दर-ब-दर होने से पहले कभी सोचा भी न था
घर मुझे रास न आया तो किधर जाऊँगा { not my lines}
What should I feel, angry , sad, I don't know..
I was here from the starting, I made mistakes
and I learned alot not from the app but from
the community! I made friends..
I thought I will return when I achieve my goal,
I will make stronger bonds, to tell them there
appreciating words helped me alot...But I am going to
lose those words. I am going to lose that bridge..
But as I was saying when I joined I was so immatured
18 year old, now atleast I think I have grown so much
with my thoughts, with my decisions, you all were the
part of it.
In the end, the whole of life becomes an act of letting
go! Sorry if anything I have done to hurt anyone.
My main ID is deactivated on Instagram, I made an
account for poetry @shayaridev🥀 , just msg me I will
connect with you from there. Goodbye ❣️-
कहानी से ज़्यादा नही हूँ,
तेरी जंग में प्यादा नही हूँ।
वक़्त के आगे झुका हूँ फिर भी,
थक कर बैठा हूँ , हारा नही हूँ।-
इतना डरता है की लड़ने लगता है,
मुझसे दूर जाता है, मरने लगता है।
सीने में रहता है, हद में रहता है,किसी
के पास जाते ही रौब झाड़ने लगता है।
कुछ ढूंढता नही है, बस हमे सफर पे
रखता है, जंग शुरू करके गले लगता है।
खुदको बेहतर ही तो करना है कल से,
यह काम तुम्हे इतना मुश्किल क्यूं लगता है।-
मेरे ग़म को मेरे सिवा ठिकाना नही मिलता,
पर हार जाने को एक बहाना नही मिलता।
ढूंढ़ने पर तो ख़ुदा भी मिलता होगा शायद,
पर खोया वक़्त साहब! दुबारा नही मिलता।
सबको ख़ूबसूरत दिखना है, ग़ैर-ए-बाज़ार में,
सीरत-ए-क़माल का कोई आवारा नही मिलता।
सब कोशिश कर रहे है, सबको ज़िन्दगी प्यारी है,
अफ़सोस ख़ुदको खुदका ही सहारा नही मिलता।
आसमां के ख़्वाब भी ज़मीन में ही पलते है अक़्स,
फिर क्यों ना उम्मीद हो? कि वो सितारा नही मिलता।-
मैं कागज़ों पर आकर दम तोड़ देता था,
सवालो को हल करके लिखना छोड़ देता था।-
हादसों की महफ़िल में, एक हादसा सुना रहा हूँ,
इतनी मुश्किल ना थी ज़िन्दगी, जितनी मुश्किल बना रहा हूँ।-