Dev Baluni   (देव बलूनी)
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"मेरा अस्तित्व मेरे शब्दों से है
मेरा व्यक्तित्व मेरे शब्दों में है"
Joined 30 June 2020


"मेरा अस्तित्व मेरे शब्दों से है
मेरा व्यक्तित्व मेरे शब्दों में है"
Joined 30 June 2020
21 OCT 2023 AT 16:15

छोटे से सफर की चाह लिए
निकले थे हम
वो मिले सफर में
तो चाहत खलने लगी

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30 JUL 2023 AT 21:39

संदल की खुशबू चुनूं या उसके तन की
मासूमियत उसकी चुनूं या दर्पण की
मुस्कान चुनूं उसकी या खिलते गुलाब की
आभा उसके मुख की चुनूं या महताब की

पिरोने हैं कई शब्द अपनी किताब में
मिसाल उसकी चुनूं या कालिदास के ख्वाब की

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20 JUL 2023 AT 14:53

वो बूंद जो सागर से मिलने गई, और उसी की होके रह गई
वो बूंद जो ओस बनकर हीरे-सी पत्ती पर लिपटी
और वहीं से वाष्प हो गई
वो बूंद जो मिट्टी के करोड़ों कणों से लड़ते हुए
जड़ों तक पहुंचीं और पैडों की होकर रह गई
वो बूंद जिसने हजारों मील का सफर तय किया,
फसल का होने के लिए
वो बूंद जो डटी रही स्रोत के दिल में,
ताकि ले ना उड़े हवा सूरज बादल उसे
वो बूंद जो गिरते ही समा जाती है
प्यासी धरती में
वो बूंद, आज तुम कहां हो।
           आज तुम कहां हो।

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16 MAR 2023 AT 15:36

अच्छी बात ये है
कि तुम ज्ञान बाँटते हो हर जगह
बुरी बात ये है
कि मैं तुम्हें जानता हूँ

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5 DEC 2022 AT 15:28

दिक्कत बस इतनी है
कि हम फिल्मों से बदल रहें हैं
किताबों से नहीं

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26 OCT 2022 AT 18:54

आज अकेला हूँ
आज बस दो शब्द काफी हैं

"कोई था"
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25 SEP 2022 AT 21:05


दर्द और दूरियों का मसला कुछ ऐसा है

कि उस तक खबर पहुँचानी हो तो
दुनिया को बताना पड़ता है
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19 JUL 2022 AT 22:16

अपना टाइम आएगा सोचके
वो करता रहा इंतज़ार सोके

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23 DEC 2021 AT 8:54

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जब जब चला जाऊँगा तुमसे थोड़ा दूर

सिर्फ एक ही बात पूछूँगा

छूटा तो नहीं यहाँ कुछ

मेरी यादों के सिवा

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14 DEC 2021 AT 16:14

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ये पहाड़ वही, वही आसमाँ
ये हवा वही, वही है समा

वैसे तो बदला नहीं कुछ
पर तु नहीं तो अधूरा है कुछ

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