31 DEC 2017 AT 18:21

ये साल भी निकल गया बहुत कुछ बदल गया
कुछ रिश्ते बदल गये तो कुछ अपने बदल गये

कुछ अनजान जहांन बन गए
तो कुछ यार अनजान बन गये
कुछ लोगो की सख्शियत के मुखोटे उतार गये

वक्त ने भी खेल खेले और कुछ सपने बदल गये
ना जाने कब लोगों की नजरो में हम बड़े हो गये

लड़ते-लड़ते खुद से इस साल
ज़िन्दगी के काफी तजुर्बे सिख गये
रोते-रोते हँसकर लोगों को हँसना सीख गये

किसी से होती थी बाते वो मुलाकाते बन गयी
और किसी की मुलाकाते यादे बन गयी

फिर भी खुश हूँ चाहे लोग बदल गए
में अब भी वही हूँ बस साल के अंक बदल गये

- Dev agarwal