Deokrishna kumar choudhary   (Deokrishna sandilya)
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Joined 20 February 2020


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Joined 20 February 2020
14 JUL 2020 AT 2:13

अपने जमीं पर व्यंग्य
अपने माँ का शिकायते
अपने भाई की हिकायतें
कब तक करेंगे आप
तेरा मेरा मेरा तेरा
कब तक छोरेंगे आप
बहादुरी घर से निकलने मे नही
घर में चुहा न आये उसका उपाय करने म हँ

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14 JUL 2020 AT 2:02

तुम अतिसुंदर हो सपनो की तरह
तुम हकिकत हो मेरे अपनो की तरह
तुमसे बिछरना हमे रास नही आता
तुम्हारी खुदगर्जी मुझे बहुत है भाता
जिन्दगी जी लुंगा तुम्हारे खुदगर्जी क सहारे
कभी न कभी तुम जरुर आओगे समुंदर के किनारे
मुझे आशा है की तुम कर लोगे स्वीकार मुझे
मै दूंगा बहुत बहुत धन्यवाद उसे

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14 JUL 2020 AT 1:55

मुझे तुझसे मिलना है
मिलना है और मिलकर ही रह जाना है
ये अर्चने बहुत झेल ली मैने
ईन परेशानियो का मुकाबला कर लिया मैने


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14 JUL 2020 AT 1:46

खुशबू की आहट में
पांखुरी की गुनगन मे
कहाँ ढ़ुण्ढ़ू मै तुम्हे
हरपल रहते हो दिल मे
कैसे बताऊ मै तुम्हे
आती हो सपनो मे
सुला देते तु मुझे
बिना तेरे गुनगुन का
नीन्द ना आये मुझे
ये सब तेरी मेहरबानीया
कैसे बताऊ तुम्हे

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14 JUL 2020 AT 1:39

काम बहुत है
पैसा कम है
कर्ज बहुत
रिस्ता कम है
रिस्तेदारि बहुत है
दुध कम है
ब्रेड बहुत है
इन तरह की समस्या
मधयंवर्गीय परिवार मे आता है

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14 JUL 2020 AT 1:16

You do not hert any body

anybody cruel for your activity

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14 JUL 2020 AT 1:11

Plzzz be educate
Not qualified
Because qualified person is as like trained parrot
But educate people change our society

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14 JUL 2020 AT 1:08

तुम मेरे करीब थे
बड़े अछे होते थे दिन
बड़े अछे मौसम भी थे
आज चान्द भी दुर है
बस तुम्हारे दुर होने से
दिन की मुझे भनक भी नही
बस रात ही रात है
वो भी मौशम हुआ करता था
जब रात मे भी दिन थे
क्युंकि उस समय तु मेरे करीब थे

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14 JUL 2020 AT 0:58

है तो बहुत कोमल मै क्या करूँ
पर जितना कोमल उतना ही उदगार पुर्ण है
तुम जितनी छलनी करते हो
उतना गुना और प्रेम तुम्हारे लीये
उमरता है मै क्या करू

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14 JUL 2020 AT 0:52

न केवल तु खुबसूरत
तुम तो पड़ींयो की पडि हो
शायद मेरे लीये ही तु आयी धरा
आभारी हू तेरे ईस मेहरबानी का


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