Dhara   (Dhara)
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Deeds decides destiny ✨
Joined 3 July 2020


Deeds decides destiny ✨
Joined 3 July 2020
26 APR AT 5:41

उम्र को हराना है तो शौख जिंदा रखिए,

चंद दोस्त रखिए मगर चुनिंदा रखिए।

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3 APR AT 21:10

आसमा में बनते समंदर के नजारे जैसे हो तुम,
पल भर को तुम्हारा ख्याल ही काफी है मेरे उझड़े मन को,
मित्रता के रंग में तरंगित और हास्य स्फुटीक बनाने के लिए,

अंगारों सी तपिश हो दिल में उसका इलाज है सिर्फ तुम्हारे बाते,
तुम वह पहली बारिश की शीतलता जैसे हो जो धूप में सुलगते
मेरे भटके मन को शीतलता की तरफ ले जाते हो,

तुम वही महादेव ने मेरे लिए भेजे प्यारे तोहफे जैसे हो जो,
हर मुश्किल में मेरे साथ होता है, होठों पर प्यारी मुस्कान से बैठ जाती है तुम और तुम्हारी हसमुखी बाते,

हर तरफ से जब में मायूसी की गिरफ्त में आ जाती हु,
मेरे सारे जख्मों के बीच तुम हो एक मरहम जो मिला है मुझे
ऐसे जैसे एक पल में सारे दर्द मेरी मुस्कान में बदल जाते है।


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18 MAR AT 9:33

સુવિચાર...

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26 FEB AT 14:09

मायूस दिल कहता है लकीरे मिट क्यू नही सकती,

हर एक चीज मेरी अज़ीज़ क्यू छूट जाती है ....!!

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10 FEB AT 10:35

सौगात मिलने की उम्र में,

मुझे मिलते है तो सिर्फ सदमे ....!!

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10 FEB AT 6:38

मैं लड़का सावला सा, तुम गोरी राधा सी प्रिये,

तुम मेरी रूह का अहम हिस्सा, बीन तेरे में आधा सा प्रिये।

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16 JAN AT 9:31

तुम हो गुलमहोर के पेड़ जैसी मृदुकारी,
सौंदर्य और शांति का प्रतीक जिसके,
फुल है बिलकुल तुम्हारी मुस्कान जैसे,

तुम्हारा किरदार मुझे लगता है बिलकुल
गुलमहोर के पत्ते जैसा ,जो बरछे की आकृति जैसा है,
जिसमे गुच्छे के रूप में फल आते है बिलकुल
वैसे जैसे मेरा अंतर्मन रोमांचित होता है,
तुम्हारी प्यारी बातो में मेरी परवाह व खुशियां बाटने पे,
लगता है जैसे तुम मेरे ही दिल का एक अंश हो,

और तुम्हारे मशवरे है शीतल और सच्चे जैसे
मिलता है मुझे कोई जरिया बया करने का जब
सुनने को कोई नही होता,

हा,तुम हो किसी भी मौसम में पेड़ के नीचे बैठे
तन्हा जो सुकून मिलता है दिल में भर कर तुम्हे।




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4 JAN AT 19:38

मेरे अंतर्मन में छलकता तरंग तु है,
दिवाली होली या हर दिन का रंग तु है,
में खुशनुमा रहती जो संग तु है,

मैं कोई सूरज तो तमस तू है,
मेरे उझाले की आस तु है,
मेरे रोम रोम में बसा नाम तु है,
मेरे हिस्से आती है जो हर शाम तु है,

मेरे होठों पर लगा रहता है जो गान तु है,
में जमी तेरी मेरा आसमान तु है,
जो गुजरता है दिल से मेरे वो राह तु है,
मुबारक मेरे यार की सालगिरह आज है।🥳✨❤️

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2 JAN AT 11:14

तुम हो सुबह को मेरे स्तुति के लिए बिछाए आसन सी
जो मेरी रूह को ईश्वर के करीब ले आती है,
जो यकीन दिलाती है मुझे मेरे अस्तित्व का और
एक नया मौका देती है मेरे अंदर की कमियों को तराशने का,

तुम हो आसमा में बने उस क्षितिज सी जहा
जमी और आकाश का मिलन होता है
वैसे ही जैसे तुम्हारी कल्पनाएं पढ़ने पर
मुझे प्रकृति और प्रेम का आगमन नजर आता है,

तुम हो बसंत में पहले भंवरे के गुंजन सी जिसे सुनना
बेहद खूबसूरत अहसास है बिलकुल तुम्हारी प्यारी बातो की तरह ।

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1 JAN AT 18:35

खाली दिल और मुहोब्बत को फना रहने दो,
मुझमें बाकी अभी थोड़ा बचपना रहने दो।

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