DEEPU RabAri   (CHETAN DEWASI ✪)
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Joined 9 August 2020


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26 JAN 2023 AT 10:20

किताबों का साथ हो, पेन पर हाथ हो,
कोपिया आपके पास हो, पढाई दिन रात हो,
जिंदगी के हर इम्तिहान में आप पास हो।
बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं।
- चेतन देवासी 😊

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16 JAN 2023 AT 3:16

कहीं निकल ले झूठ की
इस दुनिया से हम..
मिले न हमको अब कोई गम
खुल के दो चार पल जी तो लें
जिंदगी में थोड़ा सुकून तो लें..
प्यार की उम्मीद तो बरबाद कर गई,
खुद से दिल का रिश्ता जोड़ ले हम...
दूसरों के लिए तो बहुत जी लिया हमने
अब अपनी जिंदगी जी तो ले हम।

- चेतन देवासी

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16 JAN 2023 AT 3:02

बहुत नादान सा दिल है मेरा
के ये मुसाफिरों को भी
हमसफर मान बैठता है !

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6 DEC 2022 AT 19:47

एक आस लगाएं बैठे है माँ- बाप
एक तुम ही हो जो उनके सपने को हकीकत कर सकते हो...!

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25 OCT 2022 AT 21:58

काश इस *दिवाली* 𝙷𝙰𝙿𝙿𝚈 वाली 𝙳𝙸𝙿𝙰𝚆𝙰𝙻𝙸 🪔 तो नहीं आई...😒
*पर*
अगले साल *आने वाली दिवाली* 𝙷𝙰𝙿𝙿𝚈 😊 वाली जरूर आएगी... 😍

𝚁𝙿𝚂𝙲 𝙰𝚂𝙿𝙸𝚁𝙰𝙽𝚃
कि *कलम* से( चेतन देवासी)
📕📚 ✒😊
माँ - बापू 🙇🏻‍♂️💞🙏

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10 OCT 2022 AT 0:34

जुबां खोले तो क्या बोले अनुमान रहे तो अच्छा है!
अपने अपने कृतव्यो का भान रहे तो अच्छा है!
दुनिया में घुलना-मिलना पहचान बनाना ठीक,मगर पहले जरा खुद से खुद की पहचान रहे तो अच्छा है😊

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21 JAN 2021 AT 11:48

☆काश जिंदगी,सचमुच एक किताब होती☆

काश जिंदगी,सचमुच एक किताब होती........!!
पढ़ सकता मैं की,आगे क्या होगा.........!
क्या पाऊंगा मैं और,क्या दिल खोएगा.........!
कब थोड़ी खुशी मिलेगी,कब दिल रोयेगा.........!
काश जिंदगी,सचमुच एक किताब होती..........!!
फ़ाड़ सकता मैं उन लम्हों को,जिन्होंने मुझे रुलाया है..........!
जोड़ता कुछ पन्ने इसमें,जिसकी यादों ने मुझे हंसाया है.........!
हिसाब तो लगा पाता की,कितना खोया और कितना पाया है.........!
काश जिंदगी,सचमुच एक किताब होती..........!!
वक्त से आंखें चुरा कर,पीछे मैं चला जाता..........!
टूटे हुए सपनों को,फिर से मैं सजाता..........!
कुछ पल के लिए ही,मैं भी तो मुस्कुराता...........!
काश जिंदगी,सचमुच एक किताब होती...........!
☆चेतन देवासी

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5 DEC 2020 AT 14:31

-चेतन देवासी

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1 OCT 2020 AT 11:09

#6 छोटी सी कहानियाँ *

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27 SEP 2020 AT 17:20

⭐ बेटी ⭐
बेटी जब आई आँगन, खुशियों कि फ़ैली पवन !
बेटी जब आई आँगन,देख मन मोहक दर्शय
पिता भी हुए मन ही मन प्रसन्न !
बेटी जब आई आँगन, देख नन्ही परी की नटखट-रोनक माता को आया याद बीता वो बचपन!
बेटियाँ वो फूल है जो हर आंगन (बाग़) में खिलती नहीं !
बेटी जब आई आँगन, देख मन मोहक दर्शय
ईश्वर भी हुए अति प्रसन्न!
-चेतन देवासी

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