Zindagi me kash-mo-kash ya kash-mo-kash me Zindagi. .
Zindagi ke vash me hum ya humare vash me Zindagi. ..
Daftarr ki kursi mil gayi ab ghar tarse maujudgi. .
Zindagi ye tapp hai ya tapp hi hai zindagi. ..
Rangi mijaazi ko hai aksar moh leti saadgi. .
Zindagi se wo gayi ya saath uske gayi Zindagi. ..
Jungalon ko sheher Bana kar khojte ho taazgi. .
Kho k paana umeed hai par paa k khona Zindagi. ..
Kya Maan lena sab sahi hai aasan kar dega zindagi. ?
Aasaan mushkil sawaal galat hai, hai naam jeena zindagi. .. ...-
नया रंग उसपर चढता जा रहा है।
एहसास दूरियों का जकड़ता जा रहा है। ।।
कैसा दिन बीता वो फुर्सत से पूरी शाम सुनता था। ।
अब यारों टेलीफोन पर भी वक्त घटता जा रहा है। ।।
हम गणित के सवालो में उल्झे केमिस्ट्री ना जाने कब पढेंगे। ।
उसे इम्तिहान कहा देना, वो शेर मेरे पढ़ता जा रहा है। ।।
सुन नहीं पाया ज़रा दोबारा कह सकती है क्या? ?
लट्टेन हटा के कहोगी इंसान भटकता जा रहा है। ।।
पहले बिजली कटने पर तो लोग तुझे ढुंडते थे दीप। ।
अब आई फोन बताता है किधर रस्ता जा रहा है। ।। ।।।-
Jo sapna aata usko zarur batata tha,
Ab kya batana, wo to aayi thi. .. ...-
तेरा- मेरा ये साथ जँचेगा क्या ?
तेरा कृष्ण कोई रास रचेगा क्या ??
तुझे पाने में बस एक झिझक है ,
खोया तुझे जो बचेगा क्या ! !! !!!-
जो उनके खातिरदारी में मौजूद हंसते हंसते हो रहे थे हम,
पता ही नहीं चला कितने सस्ते हो रहे थे हम । ।
वो तो भला हो उन मुसाफिरों का जो भटक कर हमसे गुजरे,
नए पहियों के निशान ने बताया रस्ते हो रहे थे हम। ।। ।।।
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नहीं वो वैसी भी अच्छी नहीं लगती है,
मसला है कमबख़्त हर जगह वही लगती है!-