सोचो कि एक सुबह हो,
आधी काली, आधी लाल,
आधी सुस्त, आधी कमाल,
दिल में उमंग हो, मन में मलाल,
और आस-पास बस मकड़ मायाजाल।— % &सोचो कि एक दोपहर हो,
आधी सोयी, आधी फरार,
आधी मनमौजी, आधी ज़ार-ज़ार,
पैरों पर खून हो, गले पर तलवार,
और आस-पास बस हाहाकार।— % &सोचो कि एक शाम हो,
आधी हसीन, आधी उदास,
आधी बे-ग़ैरत, आधी ख़ास,
हाथों में ज़ाम हो, ज़ुबां पे तलाश,
और आस-पास बस जलती लाश।— % &सोचो कि एक रात हो,
आधी मदहोश, आधी परेशान,
आधी यायावरी, आधी सुनसान,
कलेजे में ठंड हो, ऊपर भगवान,
और आस-पास बस बवंडर व तूफ़ान।— % &सोचो कि सब एक दिन एक साथ हो,
आधी अफ़वाहें, आधी सच्ची बात हो,
आधी जंग जीती, आधी में मात हो,
कानों में मधुर संगीत, नैनों में बरसात हो,
और आस-पास बस सुबह दोपहर शाम व रात हो।— % &
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