Aaj meri Bestie 🥺
Kisi or ko Bestie kahi...-
Birthday 15 March
कभी सोचा नहीं है
तुमसे दूर रहना होगा
पास आने के लिए
ए मंज़िल अब दूर ना कर
मुझे तेरे पास ही रहने दे
मैं तेरे बिन अधूरी सी हूं...-
दोस्त तब से तुम कहां थे
तुम पहले क्यों नहीं आए
इतनी देर क्यों लगा दी आने में
काश तुम पहले आए होते तो अच्छा होता
अब मिले है तो अब ही सही, अभी से शुरुआत करते हैं
अब नए सपने देखे, उन्हे पूरे करते है
बीते हुए समय को, आने वाले समय को
आज इसी पल में उन्हें वसूल लेते हैं
चल इसी पल में यादों को समेट लेते हैं
दोस्त ज़िंदगी भर अब यूं ही साथ रहना हैं
अब कोई डर नहीं,सिर्फ शैतानी और पागलपंती हैं
चल ज़िंदगी को जी भर के जीते हैं...-
क्या कहें, हम खुद के सवालों से
हम ख़ुद ही उलझ कर रह गए है.
सही गलत से वाकिफ से है,
मगर अनजान से बनकर रह गए है.
नौका हमे पार लगाए या डुबाए,
गुनाहगार तो हम ख़ुद ही बन गए है.
दूसरो से क्यों उम्मीद लगाए बैठे है,
जब हम खुद से रूठे बैठे हैं...
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हां, आज कल तुमसे मिल नहीं पाती हूं
हमारे बीच बातें भी कम होती है,
उससे रिश्ता बदल तो नहीं जाता हैं
तुम मेरे लिए खास थी और हमेशा हो
बहनों के बीच बातें हो ना हो
उनके रिश्ते में कोई फर्क नहीं आता हैं
वो बहन के साथ साथ एक दोस्त भी होती हैं
जो बिना कहे भी सब कुछ समझ जाया करती हैं...
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क्यों हम इतने मसरूफ़ हुए
दोस्तों को भूल ही बैठे है
बिना वजह के हंसना,
जिसने हमे सिखाया
किसी से झगड़ा हुआ हो
जिसने हमें रोते हुए देखा
जिसने हमारी कमज़ोरी और ताकत
के साथ अपना समझा हैं
प्रेक्टिकल बनाने हो या
एक्जाम में चीटिंग करना हो
जिसने हर वक्त हमारा साथ दिया
क्यों हम उन दोस्तों को ही भूल बैठे हैं
जो कभी भी हमारी बग बग सुनता और
फालतू नोटंकियो को झेलता है
स्कूल हो, या कॉलेज हो दोस्ती तो दोस्ती है
किसी भी दोस्तों को दूर ना जाने देना
कुछ समय निकालो दोस्तो के नाम
यही तो जिंदगी हैं, बाकी तो कुछ है ही नहीं...
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कुछ बातें अनकही सी हैं
तुम्हें सुनाना,तुमसे सुनना
क्या सब कुछ अधूरा रहेगा
क्या हम दोबारा मिलेंगे
फिर से ठंड में कपकपाते
आईसक्रीम खाते हुए...
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Logo ko dil ke itne karib mat rakho
Ki aksar aankhon me aansu wahi de jate hai
Jo dil ke behad karib hote hai...-
ढूंढना तो कुछ नहीं चाहते हैं
इच्छा तो सिर्फ इतनी सी हैं
हर इंसान के दिल में इंसानियत हो
जो उसे इंसान बनाए रखती हैं...-
"तुझसे अभी बहुत कुछ सीखना है
ज़िंदगी में अभी रंग भरने बाकी है
सुख दुःख से दोस्ती करना बाकी है
मुझ गीली मिट्टी को आकार देना बाकी है"...
"बचपन अभी तो तुझे जाना ही नहीं है
रेत की तरह फिसल कर किधर चले हो
वहीं खट्टी मीठी यादें जीना बाकी है
फिर से बच्चा बनकर मैला घूमना है
वहीं किचड़ में कपड़े गंदे करना है
आज फिर से वही सब जीना है"...-