सुनो सुनाए ज्ञान की बातें
जीवन को तुम क्यों उलझाते
बातों में तुम कभी ना आना
फसजाओगे जो सबको सच माना
कुछ जो तुमने खुद ना सुनी हो
किसी के द्वारा सुनाई गई हो
उनपर तुम विश्वास ना करना
वरना तुम खोदोगे कोई अपना
अगर तुम्हे कोई बात सताए
कोई चिन्ता मन को खाए
अपनों से तुम बात करो
सारी चिंता दूर करो
सुलझालो रिश्तों की गांठ
अपनों से करो तुम अपने मन की बात
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