Deepika Prajapati   (-दीपिका एक गुमराह लेखिका)
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Joined 16 April 2018


Joined 16 April 2018
24 AUG 2024 AT 8:34

यूँ ही बिखरे पड़े थें अतीत के कुछ पन्ने मेरी राहों में..
आज एक मेरी कदमों से टकरा गया और मैं थम-सी गई। ।

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8 MAY 2024 AT 10:18

हम व्यवहार करते रह गए,
वो व्यावसाय करते रह गए।
हम रिश्ता निभाते रह गए,
वो मुनाफ़ा गिनते रह गए।।

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1 MAY 2024 AT 9:47

इनके चेहरे की मासूमियत तो देखिये जनाब...
गुल भी जान दे कर; बेजान हो गये। ।

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30 APR 2024 AT 14:04

वो लब खुलें तो लगा; जैसे फूल हो गुलाब का,
वो नज़रे मिली तो लगा; जैसे नशा हो शराब का,
हम मर के जी उठे और फिर जी के मर मिटे,
ये अदाएं थी उनकी, या काला जादू था जनाब का??

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29 APR 2024 AT 12:39

कुछ हँसते हैं; कुछ रोते हैं,
कुछ बातें कहकर सुनते हैं,
कुछ अपने हैं; कुछ सपने हैं,
उनको संजोकर जीते हैं।
जिम्मेदार हुए हैं पहली बार,
तो कुछ बातों से भी डरते हैं,
घर की आती है याद मगर,
हम धूल उड़ाकर चलते हैं।।

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24 APR 2024 AT 22:51

अगर कुछ अच्छा लगे तो दिल में
उसे सीखने की चाहत रक्खें..
कोई खानदानी हुनरमंद नहीं होता।
ध्यान दें-
genetic सिर्फ बीमारी हो सकती है;
हुनर इंसान देख-देख कर,
अपनी शौक़ से सीखता।।

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24 APR 2024 AT 19:45

यदि एक स्त्री
आपसे शिकायतें करना बंद कर दे;
तो इसका एक ही मतलब नहीं होता
कि आपने उसकी शिकायतें खत्म कर दी।
एक मतलब ये भी हो सकता है कि-
शायद उसने उम्मीदें ही खत्म कर दी हों आपसे।।

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9 APR 2022 AT 13:39

यदि गर्म पानी को घड़े में डाल दिया जाए;
तो कुछ समय पश्चात घड़ा उसे शीतल जल में परिवर्तित कर देता है।
यहाँ घड़े की खूबी यदि शीतल करना है तो,
पानी की खूबी भी कम नहीं है...
जो खुद को परिवर्तित करने की क्षमता रखता है।।

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11 FEB 2022 AT 15:38

एक वादा.....
साथ निभाने का.....
बस तेरा हो जानें का.....

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2 FEB 2022 AT 12:41

ख़ुद को जानो,समझो और सोचो.....
क्या तुम किसी भोर की सुनहरी लालिमा-सी नहीं खिलती कभी?
क्या तुम किसी नदी की तरंगो-सी चंचल नहीं?
क्या तुम में चिडियों की जैसे चहचहाने की काबिलियत नहीं?
क्या तुम में स्वतंत्र परिंदे के जैसे ऊंची उड़ाने भरने की क्षमता नहीं?
फिर तुम क्यों डूबी हुई हो दुनिया की उन कुंठित रीति-रिवाजों की अनंत गहराईयों में???
उठो और महसूस करो....
तुम ईश्वर का एक वरदान हो,जिसे सब "नारी" के रूप मे जानते हैं।।
खुद से मिलों...
और खुद का सम्मान करो। ।

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