POV: "आप सबसे कम बोलते हो, और यही वजह है कि लोग आपका दर्द सबसे कम समझते हैं।"
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"कभी-कभी दिल चुप रहकर भी बहुत कुछ कह देता है,
जैसे कह रहा हो, अब बस, मैं थक गया हूँ तुम्हारे लिए मज़बूत बनते-बनते।"
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“हर दिन खुद को समझाना पड़ता है,
कि सब ठीक है, जबकि सब बिखरा होता है।”
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"कभी-कभी किसी के लिए सब कुछ बन जाना भी एक सजा बन जाता है, क्योंकि जब हमे किसी की सबसे ज़्यादा ज़रूरत होती है, तब कोई नहीं होता।"
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"Kuch yaadein sirf yaadein nahi hoti, woh kisi ke liye ek puri duniya hoti hain"
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"कभी-कभी ना थकान शरीर में नहीं,
बल्कि उस मुस्कान में होती है, जो रोज़ हमे पहननी पड़ती है।"-
“जिसे तुम सब कुछ समझते हो,
लेकिन वो तो तुम्हें सिर्फ़ एक वक़्त का एहसास समझता है।”
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"पलकों पर रुके हुए आंसुओं को मत समझो कमज़ोरी,
क्योकि कभी-कभी यही सबसे बड़ी ताकत होते हैं चुप रहने की।"
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"हमेशा समझाया जाता है 'मज़बूत बनो',
पर कभी कोई ये नहीं कहता, 'रो लो, मन हल्का हो जायेगा'।"-