तुम्हारे बाद कई बार यूँ भी हुआ है कि हम
जहाँ पर बनता नहीं था वहाँ पर भी उदास हुए हैं-
Deepika
(Deepanjali)
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Joined 22 September 2020
26 NOV 2024 AT 0:16
2 NOV 2024 AT 23:45
ग़म और ख़ुशी में फ़र्क़ न महसूस हो जहाँ
मैं दिल को उस मक़ाम पे लाता चला गया
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30 SEP 2024 AT 20:18
ये इल्म का सौदा ये रिसाले ये किताबें
इक शख़्स की यादों को भुलाने के लिए हैं
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24 SEP 2024 AT 17:57
न हुआ नसीब क़रार-ए-जाँ हवस-ए-क़रार भी अब नहीं
तिरा इंतिज़ार बहुत किया तिरा इंतिज़ार भी अब नहीं...
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17 SEP 2024 AT 17:02
फिर नहीं बसते वो दिल जो एक बार उजड़ जाते हैं
कब्र जितनी भी सजाओ कोई जिन्दा नहीं होता...-
6 SEP 2024 AT 22:15
आसान नहीं था तेरी मोहब्बत से यूँ गुरेज़,
लेकिन ये फैसला तेरी ख्वाहिश पर कर दिया मैंने-
3 SEP 2024 AT 23:47
न शब ओ रोज़ ही बदले हैं न हाल अच्छा है,
किस बरहमन ने कहा था कि ये साल अच्छा है-
16 MAR 2024 AT 22:52
मैं तो ग़ज़ल सुना के अकेला खड़ा रहा
सब अपने अपने चाहने वालों में खो गए-
15 MAR 2024 AT 21:38
कोई बाहर से कोई अंदर अंदर टूट जाता है
जब इंसाँ आता है गर्दिश की ज़द पर टूट जाता है
अगर मैं मिट गया हालात से तो इस में हैरत क्या
मुसलसल चोट पड़ती है तो पत्थर टूट जाता है
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