इतने क़रीब से जाते देखा है लोगों को, कि अब दूरियों से ज़्यादा नज़दीकियों से डर लगने लगा है।
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तुझे भूलूं भी तो कैसे मेरे दोस्त, मेरी जिंदगी के सारे किस्से तो तुझसे शुरू है।
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लड़कियो को उनके दायरे बताते-बताते, हम लड़कों को उनके दायरे बताना भूल गए।
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Bhot mile zindagi mein,
Lekin tumhe paane ke baad laga ki koi apna sa mil gaya ho, poori zindagi ke liye.-
बातें तो अब भी बहुत हैं करने को,
शायद अब हमसे बात करने को तुम्हारा मन नही।-
Kaash Tum mere itne kareeb hote ki tumhe gale laga ke bta paate ki kitna yaad aa rhe ho tum.
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क्यों न आज अपनो के साथ वक़्त बिताया जाए,
कुछ उनकी सुन ले कुछ अपनी सुना ले,
क्यों न आज यादो की पेटियों से बचपन की पुरानी एल्बम निकाल ले,
आज गोल गप्पे, मोमोस, समोसे सब छोड़ एक थाली में खाने के लिए लड़ ले,
आज ऑनलाइन लूडो को छोड़ क्यों न आज पुराने किस्सो को दोहरा ले,
क्यों न इन अजीज़ पलों को जी ले, जो वक़्त ज़िंदगी की भाग दौड़ में कहीं खो गया था क्यों न आज उन्हें फिर से जी के यादों के पिटारे में समेट ले।-
ना तेरे आने की उम्मीद ,
फ़िर भी हर लम्हे में सिर्फ़ तेरा इंतज़ार।।-