मैं खुद को पा जाता हूं। तेरे बिन भी जी रहा हूं पर तुझ संग जीने लग जाता हूं। इश्क है या सिर्फ दोस्ती, नहीं जानता पर अब भी तेरे जाने के बाद, तुझे सोचकर ही खुश हो जाता हूं।।
तेरी याद आ जाती है। गुजरे उस वक्त को वक्त हो गया पर तेरी यादें आज भी तेरी महक दे जाती है। हकीकत में न सही, ख्यालों के जहां में उन अधूरे किस्सों की कहानी थोड़ी-थोड़ी आगे बढ़ती जाती है।।
तो हम खुद ऐलान-ए-मोहब्बत करेंगे। अपनी महफ़िल में तुझे रूसवा और तेरे ही सामने उसके साथ जश्न करेंगे। और टैटू-वैटू से क्या नाम गुदवाना, हम तो पूरी जिंदगी ही उसके नाम करेंगे।।
सूना है दिल का आंगन आंगन में बीता यौवन यौवन में बनी कई यादें यादों में बसे तुम तुम से ही था प्यार प्यार अब रहा नहीं नहीं रही कोई उम्मीद उम्मीद टूटी, खत्म प्यार प्यार बिना सब सूना।।