माँ
विधा-चोका
माँ अबूझ सी
परिचित पहेली
मैं ना हो पाई
वो मेरी ही सहेली
माँ का आँगन
शीतल बयार है
माँ के होने से
ठंडक अपार है
माँ रस स्वाद
भोजन भरी थाली
माँ हरीतिमा
समृद्ध खुशहाली
माँ फटकार
जीवन परिचय
माँ दुलार है
माँ ही दृढनिश्चय
माँ नित सीख
अनुभवों की कथा
माँ युगान्तर प्रथा
स्वरचित एव॔ मौलिक
दीपाली सनोटीया
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