कुछ सफर सुहाने से लगते हे,
जब साथ तेरी बातों का हो-
जिंदगी छोटी नहीं होती, लोग जीना देर से शुरू करते हैं... read more
जी लेते ,न लेते तुम्हारा सहारा
जुबां खामोश थी ,चल रहा था गुजारा।
पर कैसे छुपाएं देखते ही तुम्हे ,उन आंखों की चमक , और
,"वो धड़कन जो नाम लेती हे तुम्हारा"।।-
पहलगांव
आर या पार होना चाहिए,
अब, कुछ तो यार होना चाहिए।
ये तो नहीं सहेंगे हम
यूं तो नहीं बने हे हम
मार दें ,या मर जाए ,
आने वाली नस्ल से नजर मिला पाए
यारों कुछ तो ऐसा कर जाएं।
ये धर्म पूछ कर मार रहे,
मेरे घर में मुझको मार रहे।।
अभी इंसानियत देखी हे हमारी
हैवान भी हम कम नहीं,
लंका में घुस जिस राम ने मारा
दस के दस सर को तन से उखाड़ा
उसी राम के वंशज हैं
ढूंढ ढूंढ कर मारेंगे,
तड़पा तड़पा के मारेंगे
तेरे घर में तुझको मारेंगे
अब तो सकूं तभी पाएंगे
जब उन आंखों से लहू बहाएंगे।।-
क्या ऐसा भी संभव हे की...
सोच अलग पर ,प्रेम रहे
विचारों का टकराव हो
पर प्रेम और परवाह रहे।
मुश्किल है गर ऐसा होना,फिर
संभव कैसे एक नजर का प्रेम होना
या ये सब, किताबी बातें हे......
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पहले तकलीफ होती थी ......
अब फर्क पड़ता नहीं।
किसी के कुछ भी कहने से
अब दिल दुखता नही....…
सहना सिख गए है या
सलीका यही जिंदगी का हे!
समझ तो आया मगर....
बहुत जिंदगी निकलने के बाद।।— % &-
गलत कोई नही होता ....
बस नजरिया अलग होता है,
किसी की नजरों में गिलास
आधा खाली....
तो किसी की नजरों में
आधा भरा होता हे...
वक्त वक्त की बात हे
जो आज गलत है
वही कल सही होता है।।
सच कहूं यार..
गलत कोई नही होता है।।— % &-
लाख छुपाएं ....नजर आ ही जाती है,
ये सच्ची मोहब्बत... कहां छुप पाती है।।— % &-
मन ही मन होले होले चढ़ता रहता है बुखार
न दवा लगे न दुआ लगे रोग ये बेकार।।— % &-
मेरी मां
क्या लिखूं....
सोच रही हूं ,कहां से शुरू करू
गर लब्जों में भावनाओ को बांधू
तो बस इतना ही कहूंगी
की भोली इतनी की
आप खुली किताब हो,
और मेरे लिए
ईश्वर से भी पहले आप हो।।
जन्म दिवस की अनंत शुभकामनाएं
सादर चरण स्पर्श मां ।।— % &-