Deepak Sharma  
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Joined 12 April 2018


Joined 12 April 2018
19 JAN 2022 AT 0:05

इस शहर में नये तो नहीं थे हम
मगर वो मसला बहुत पुराना है
हम किराएदार थे वहाँ शायद
जहाँ अब तेरा मालिकाना है

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16 JAN 2022 AT 23:14

छोटी गलियों तक बड़ा बहाव आ रहा है
अरे..! सुना है आपने, चुनाव आ रहा है

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14 JAN 2022 AT 16:58

हर कदम पर हम वफाई लिखते रहे
हजारों दिलों की दुहाई लिखते रहे
अफ़सोस कि वो हकीम रहे उम्रभर
खुद बिमारी लिए दवाई लिखते रहे

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13 JAN 2022 AT 15:12

उस मुस्कराहट ने, मेरी हँसी उड़ा दी है
मौत को, तैयार ही थे, कि जिंदगी बड़ा दी है

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13 JAN 2022 AT 1:38

सारे ग़म को छुपाए चले जाते हैं
हम तुम्हारे अभी तक गिने जाते हैं
भूल का ,ये भरोसा भूल से हो रहा
माफ़ कर दो जरा हम मरे जाते हैं

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12 JAN 2022 AT 23:34

हर ह्रदय की भावना को हर दिशा में माप देंगे
साधना की कर सजावट दुष्टता को नाप देंगे
हो रहे अलगाव जितने और भी जो हैं विखंडन
हम धरा की इस परत को मित्रता की भाप देंगे

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11 JAN 2022 AT 14:32

याद के आलम पुराने स्वप्न को संजो रहें हैं
वक्त बीता था कभी वो आजतक भी खो रहे हैं
घूमकर देखा वहाँ तो उस जगह कुछ भी नहीं है
हर वजह की एक वजह है, बेवजह कुछ भी नहीं है

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9 JAN 2022 AT 15:33

नव वर्ष में नव नेति से , नेमि पर आधार कर लो
तुम जरा-सा वंचितों को देख करके प्यार कर लो

उपहार लाखों लुट रहें हैं घुल रहे हैं जाम में
तुम भला एक दस रुपये से नेह का व्यापार कर लो

चढ़ रहे हो तुम हवेली खूब ईश्वर हो सहायक
पर जरा-सा सामने उस झोपड़ी पर प्यार कर लो

पश्चिमी आकार से तुम बढ़ रहे हो ठीक सब है
पर जरा-सा खुद के घर में तुम जरा आकार कर लो

साल पूरा कट गया है, देह भी इस वार में है
गम पुराना छोड़ दो तुम, फिर नया व्यवहार कर लो

(नेति=अनंतता), (नेमि=पृथ्वी) (देह=शरीर)

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9 JAN 2022 AT 13:57

यूँ जो भीड़ में चिल्लाओगे, क्या मिलेगा तुमको
तुम अकेले इशारा करते, तो कोई बात बनती

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9 JAN 2022 AT 13:33

हमें तो यहाँ प्यार भी शर्तों में मिला
पहले ढेर सारा फिर किश्तों में मिला

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