वक़्त गुज़रता गया दिन ढलते रहे
मायने रिश्तों के पल-पल बदलते रहे
कुछ को कोशिश की संजो कर रखने की
कुछ हाथों से फिसलते रहे
बेख़बर था मैं अपनों के इन चेहरों से
न जाने कब और कैसे रिश्तों के लहजे बदलते रहे
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#Black_Belt_Karate
#Dream_ UPSC
#writter
#और क्या कहना सताये हुए हैं हम भी... read more
जाने दिया तुझे तेरी
खुशियों की ख़ातिर
किसी और के संग
अब भी मेरी इस मोहब्बत की
आजमाइश करोगे क्या-
इंतजार "तेरा" ही रहेगा
अगले जन्म भी इस दिल को
बस वफा "तुम" भी दिल से निभाना
समझ गया दिल ये मेरा भी अब
"तुम्हें" दुआ में माँगा हैं
इस जन्म किसी और ने
बस अगले जन्म "तुम"
मेरी दुआ बन कर कबूल हो जाना।-
कुछ ज़ख्मों की कोई उम्र नहीं होती
ताउम्र साथ चलते हैं जिस्म खाक होने तक-
रास्ते भी हंसते हैं
मेरे वजूद पर
जिस तरह उसका
इंतजार करता हूं मैं-
बूंदे ये बारिश की
अक्सर याद उसकी दिलाती हैं
कुछ मैं भीग जाता हूं
कुछ आंखें भीग जाती हैं-
मोहब्बत आजकल
ढके हूए सिर से शुरू होकर
उतरे हुए कपड़ों पर खत्म होती हैं
जो करता है दिल से
उसे मुकम्मल कहा होती हैं
जनाब ये दस्तूर है आजकल का
कदर जज्बातों की नहीं अब
ये मोहब्बत हवस मिटाने वाले को
नसीब होती हैं
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सलीका-ए-जिन्दगी
यहां चलना भी है गिरना भी है
उठ कर फिर से संभलना भी है
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कश्तियां तो बहुत चलती हैं मजधार में
कुछ डूब जाती हैं लेकिन होते है
होंसले बुलंद जिस कश्ती के
उसे ही होता है किनारा हासिल-
वो भी एक दौर था
जो गुजर गया
गमों की क्या औकात है
बस सब्र रख़ बन्दे-