कसमें वादे प्यार वफा सब बाते है बातों का क्या है कोई किसी का नहीं झूठे नाते है नाते का क्या है होगा मसीहा सामने तेरे फिर भी नहीं तू बच पाएगा अपना खून ही तुझको आखिर आग लगाएगा आसमान में उड़ने वाले मिट्टी में मिल जायेगा
अनकहे शब्द .... ना कि तुम्हारे साथ जिन्दगी नहीं मिली, उसका दुख है। मुझे और खूबसूरत पल मिले इसकी खुशी हुई। तुम्हें पता है तुमने मेरा हर गम मुझसे लिया है। मैंने तुम्हें जाना या पहचाना नहीं बल्की जिया है। माना मेरी रूह को अपने आंचल में समेटकर तुम रख नहीं पाओगी। पर उसको छूकर तुमने यह एहसास दिला दिया कि उसका खुश रहना किसी इंसान के लिए कितना जरूरी हो सकता है। इस पत्थरदिल को यह सिखा दिया कि यह भी हो सकता है। बताया के काबिल हूं मैं भी मोहब्बत के। बैठकर मेरी रूह के फटे कपड़े को बदला है। जिसे सालों से किसी ने सुनने में दिलचस्पी नहीं दिखाई। तुमने उसको भी घंटों बैठकर सुना है। एक बात बताओ यार मैंने ऐसा क्या किया था जो तुमने मुझे चुना था ? रास्ता चाहे जहां ले जाए, फासला चाहे जितना आ जाए, पर जिंदगी की किताब में तुम्हारा पन्ना मेरा खास होगा।
हँसते हुए ज़ख्मों को भुलाने लगे हैं हम, हर दर्द के निशान मिटाने लगे हैं हम, अब और कोई ज़ुल्म सताएगा क्या भला, ज़ुल्मों सितम को अब तो सताने लगे हैं हम !!