Deepak sundriyal "sahil"   (बेबाक कलम)
29 Followers · 7 Following

read more
Joined 22 May 2019


read more
Joined 22 May 2019
31 JAN 2022 AT 9:59

#अधूरी कहानियो मे भी
किरदार कई हो सकते हैं ।

तुम अपना निभा लो इमा से
#अंजाम कई हो सकते हैं ।

#साहिल
#बेबाककलम

-


30 JAN 2022 AT 14:55

तुम गर अपनें चराग बुझा दोगे
तो क्या रास्ता ना मिलेगा ,
रात कट ही जायेगी
भटकते ही सही ।।
टीस रहती है अपनों के बेवफा होने की ,
वरना लकीरे मेरे हाथो में भी है तो सही ।।

#बेबाककलम

-


27 JAN 2022 AT 11:53

गुंजाइश थी कि ख़ुदा होता
हक में मेरे गर फ़ैसला होता
रहमते उसकी मान जाता ,अगर
आंधियों का न यूं सिलसिला होता

#बेबाककलम

-


26 JAN 2022 AT 11:13

बर्फ , बारिश , धूप , रेत और पत्थर
है वो #सिपाही , कुदरत को हरा देतें है ।।
कौन मरता है यहाँ दूसरे के वास्ते जनाब
एक ये हैं जो घर-बार भूला देतें हैं ।।
#तिरंगे को उसे ही छूने का हक हो
#वतन के वास्ते जो जान गवां देते हैं ।।
बेबाककलम

-


25 JAN 2022 AT 12:54

ये माना की हमदम कड़वा बहुत हूँ ...
मगर झूठे #वादे से डरता बहुत हूँ,
नहीं हूँ माना तेरी #दुनिया के जैसा ....
मगर #आँख मे भी खटकता बहुत हूँ,
होंगे बहुत ही मेरे #नाम वाले ...
मेरी श्क्सीयत से ऊंचे भी होंगे .,
मगर.. #मैं हूँ ....खुद से ही ...जो हूँ ...
#दूरियाँ कंधो से रखता बहुत हूँ ...॥
तुझे #चाहने का होसला भी कर लूँ ,
#खुद को बदलने की जुर्रत भी कर लूँ ,
मगर मेरे #हमदम मैं ये जानता हूँ ...
मैं अपने #उसूलो पे चलता बहुत हूँ ....
#साहिल " #बेबाककलम

-


25 JAN 2022 AT 11:21

किसी ने पाबंदियां बुनीं
किसी ने डर फैलाया
आपदा के बड़ा अवसर
किसी को रास आया
किसी के अपनों ने साथ छोड़ा
किसी ने घर लुटाया
कोई बेघर सड़क पर घूमता
किसी ने खुल कर कमाया
जो थे हॉट स्पॉट वो महंगे अस्पतालों में
जो दिहाड़ीदार उसने जीवन गवाया
सील कर मुहं कलम दबा चुपचाप रहिए
खुद तक सोचो और जिंदा रहो
यही आदेश आया ।।
#बेबाककलम

-


24 JAN 2022 AT 17:31

कहा था जुदा होते उसने की रास्ते बहुत हैं
अब ये भी क्या की ..उसको हमसे मोहबते बहुत है ,
लौट आये हो तो ख़ैर मखदम 'साहिल "
न कर कल की बात की ..तुमसे शिकायते बहुत है ..
#बेबाककलम #साहिल

-


24 JAN 2022 AT 12:01

भेड़ियों को भेड़ों की रखवाली दे दो
लोकतंत्र है .....सबकी कुर्बानी दे दो ...

#बेबाककलम

-


23 JAN 2022 AT 11:15

खटकता हूं आंखों में फिर भी बर्दाश्त करते हो
या तुम #खुदा हो या....मैं जरूरत ....

#बेबाककलम

-


22 JAN 2022 AT 10:47

जब कभी तुझ से मुलाक़ात करता हूँ ....
मैं अपने हाथ की लकीरों से बात करता हूँ ।
#बेबाककलम #साहिल

-


Fetching Deepak sundriyal "sahil" Quotes