तुमको भिगोती जो बारिश की बूंदें,
मुझको वही फिर सराबोर कर दें।
अलग नहीं है वो आसमाँ कि, जिसके तले हैं, दोनों हम यहीं,
कि एक ही आसमाँ,
कहीं करता तो होगा, हमें एक ही।
सफ़र हैं ख़्वाहिशों का, कि मंजिल का किसको पता इस सफर में हैं हम एक ही।— % &-
Deepak Sharma
(Deepak)
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मैं उजालों का साथी हूँ, हर पल है रोशन मेरा....
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Joined 22 March 2018
25 JUN 2022 AT 19:53
27 AUG 2020 AT 20:27
हुए हम वैसे ही जैसा चाहा था, मेरे कातिब ने,
अब पूछता है वही फिर, हुए हम ऐसे तो क्यों हुए।।-
10 JUN 2020 AT 22:41
रेखाएँ क्या कहती हैं, न देख मेरे साथी।
रेखाओं के दम पर, कब कौन सिकंदर हुआ।।
जिन्हें भरोसा है बाजुओं पर मेरे साथी।
झुका उनके कदमों में, मुरीद वो मुक़द्दर हुआ।।-
10 JUN 2021 AT 16:37
मेरी जान सा अजीज़ हो तुम मुझको मेरी जान......
कुछ और न करो...... तो बस इतना करो...... कि रोया न करो.....-
22 MAY 2021 AT 18:14
दर्द सभी का समझा मैंने, हाथ बढ़ाया, साथ दिया,
पीर कोई तो समझे मेरी, ए मौला बस इतना कर दे।-
13 MAY 2021 AT 12:56
सुनो तुम ही तो हो अब ख़ुदा मेरे....
करूँ इबादत कैसे.... कि दुआएँ क़ुबूल हों....-
29 APR 2021 AT 19:47
माना कि, मैं हूँ ज़र्रा, किसी समुद्र-ए-सहरा का,
तू चंद हाँथ तो लगा, ये ज़र्रा ही मुजस्सिम होगा।-
2 FEB 2021 AT 20:59
उसके प्यार में डूबा-सम्हला सा मैं, जाने क्या-क्या हो जाता हूँ।
कभी उसको खुद सा पाता हूँ, कभी उस जैसा हो जाता हूँ।।-