“लगा के आग शहर को,बादशाह ने कहा,
उठा है दिल में तमाशे का शौक़ बहुत ..!
झुका के सर,सभी शाह-परस्त बोल उठे,
हुज़ूर का शौक़ सलामत रहे,शहर और बहुत..!!"
~अज्ञात
- निग़ाह-ए-नाज़
12 JUN 2019 AT 18:51
“लगा के आग शहर को,बादशाह ने कहा,
उठा है दिल में तमाशे का शौक़ बहुत ..!
झुका के सर,सभी शाह-परस्त बोल उठे,
हुज़ूर का शौक़ सलामत रहे,शहर और बहुत..!!"
~अज्ञात
- निग़ाह-ए-नाज़