अबके जो सैलाब में,कहर आएगा
जिंदगी का सारा , ज़हर आएगा
वाकिफ़ हूँ ज़हीन लोगों से पहले मैं,
एक तन्हा मायूस , शहर आएगा
माने जाने वाले लोग भी तन्हा हैं,
अँधेरे को रौशन कर, महर आएगा ,
(महर~सूरज, sun) ,
(ज़हीन~intelligent)
-DEEPAK SHARMA
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कोई बतलाओ की हम बतलायें क्या ?" याद नहीं अख़िरी बार कब ब... read more
जिसको जैसे जैसे, जहा जहा, जब जब खेलना है, खेलों, extreme level पर खेलों,बड़े पैमाने पर, कोई गुंजाइश मत छोड़ना, अपने जी जान से खेलना *रिश्तों* में, मगर हम नही खेलेंगे अभी,
यूं तो बाज़ी बदलने का शौक छोड़ दिया वैसे,
मगर अब जब मैं खुद खेलूंगा न , बाद में मत बोलना warning नही दी,-
'इंसान के पास धैर्य ना हो तो जीती हुई बाज़ी भी हारता है, और जिसकी कलम से , सामने वाले का सिर ,कलम हो जाए उसे तलवार उठाने की ज़रूरत नही होती, युद्ध में इंसान हथियार से नही ,उसको चलाने वाला दिमाग जीतता है,
- Deepak sharma-
पैसा देख कर इंसान की नियत और बढ़ जाती है,
अक्सर ! मरने पर इंसान की, कीमत बढ़ जाती है,
जो लोग करते है वादा, झुर्रियों तक के साथ का,
दिल से नज़रों में लोगो लिए, इज्ज़त बढ़ जाती है,
चाहे इश्क़ हो या जंग हो, मैदान नही देखे जाते,
दुनिया से लड़ने के लिए , जुरअत बढ़ जाती है,
अहल ए दुनिया की दिलचस्प धोखे है 'दीपक,
मोहब्बत के शौक़ की, ताक़त बढ़ जाती है,
कोई सूरत के साथ सदादिली का दिखे आईने सा,
इश्क़ पाकर लोगो की यहां, रंगत बढ़ जाती है,
- निग़ाह ए नाज़
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आज मैं खुद से मिला ,जब इंसान खुद से मिलता है न,
तो सारे जिंदगी का हिसाब करने बैठ जाता है, तब समय रुक सा जाता हैं, वो देखता है वो कहा गलत था और कहा सही था, वो अपने आत्म विश्वास से मिलता है, वो ढूंढता है ख़ुद के वजूद को, मैं भी खुद से मिला,
बस यही समझ आया कि पहले से बढ़ा आत्मविश्वास और धैर्य मैं खड़ा था, मैं कभी ख़ुद को हारने नही दूंगा और टूटने नही दूंगा खुद के आत्मविश्वास और आत्मसम्मान को, मेरे भगवान को बहुत बहुत धन्यवाद देता हूं ,
आज जो मैं चाहता हूं लगन के साथ पा रहा हूं, और आगे भी पाऊंगा , अभी और बहुत सी दौड़ बाकी है, अभी बहुत बड़ी बड़ी चट्टानों से टकराना है, समुंद्र की लहरों के साथ छलांग लगानी है, कई तूफानों और आंधियों से होकर गुजरना है, लेकिन मैं खुद को पाकर बहुत खुश हूं , कुछ लोग कहते है कि अगर आपको किसी से प्रेम करना है तो शुरुआत पहले खुद से कीजिए, खुद का आदर कीजिए, ध्यान रखिए अपने आत्मसम्मान का, जो आपके पास होगा आखिर वो ही आप किसी दूसरे को देगें, मेरी जिंदगी के सारे फैसले मैं खुद लूंगा और एक बात दुनिया की बात मैं नही आना और न ही मेरा कोई प्रतिद्वंदी है दुनिया मैं, मैं खुद का ही प्रतिद्वंदी हूं-
जिंदगी के सफर मेरे मुकाम तो बहुत है।
पहुंचना पहले किस पर है बस बात वो है,
यूं तो मैं अकेला ही काफी हूं दुनिया के लिए,
बस देखना यह है कि अब साथ कौन है,
@Deepak sharma-
अब हम लड़ते नहीं,
ऐसे तो बातें तो बहुत हैं,
पर बस अब मन नही करता।
लेकिन बातें तो बहुत है,
तुमसे अब रूठने को मन नही करता।
वाक्या तो बहुत है तुम्हारे साथ,
रूठने के ,मानाने के, गले लग जाने के,
कुछ वाक्या ऐसे भी है जो फ़िल्मो की कहानियों से प्रेरित है और कुछ ऐसे भी जिन से आगे की फ़िल्मे प्रेरित होंगी,
हा वो सिमरन का पलटना, अजय का पिघलना, हा कुछ सनी पाजी के भी अंश है,
लेकिन बस अब मन नही करता यूँ तो बातें बहौत है,
तुम्हारी, मेरा औऱ मेरी कलम की अलग ही दास्ताँ है,
जब तुम लड़कर रूठती हो तो क़लम साथ होती है, औऱ जब तुम मानती हो तो मेरी क़लम रूठ जाती है,
ख़ैर लड़कर रूठना फिर मनाना चलता रहेगा, ये जिंदगी का सफ़र है चलता ही रहेगा, मेरी सफलताओं से हटके तुम्हें बस इतना चाहना है कि अब तक दुनिया मे जितने लोगों ने प्यार किया है उनके दिल टूट जाए।
हर हर महादेव— % &-
ए खुदा या तो तू इस जिस्म से मेरी रूह को जुदा करदे,
या फिर कोई मुझको बड़े तूफ़ान से आशना करदे,-
"दुनिया मे कौन सही और गलत मैं समझूँ,
सब नज़रों को सराहूं,ऐसा मैं नायक नहीं,
जब भी ख़ामोश हुआ हूँ, सभी सवालों में,
दलील ये हैं कि आप जवाब के लायक नहीं,"
@Deepak sharma
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