हर बात में जिक्र तुम्हारा नही होता
कितना भी अच्छा हो
एक ही सख्श प्यार नही होता-
आईना तोड़ रही हो न
मुझको छोड़ रही हो न
खुद से नजरे कैसे मिलाओगे
किसी से रिस्ता जोड़ रही हो न-
इश्क़ की आदत कितनी खराब है
बोतल खाली है , तेरी आंखो में शराब है
बोलते है हर वक्त नसे में रहते हो
तुम्हारी आदत कुछ खराब है
कसूर तेरी आंखें का है ना कि शराब है-
उसने मुझे, मेरी एक गलती पे छोड़ दिया
कि मैं,उससे बेइंतहा मोहब्बत करता हूँ-
शोषण उसी का होता है जो पोषण करता है
जिस प्रकार वृक्ष, अमर बेल का पोषण करता है
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वो किसी ओर से करता रहा
उसके लिए ऐसे तरसे है हम
जैसे पपीया सोती की
वर्षा की बूंदों को तरसता रहा-
अभी हमारे बोलने का विरोध होगा, फिर
लोगों का हमारे बोलने का ही अनुरोध होगा
दीवालें कैसे वाह वाह करती है जब
हम बोलेंगे तो इस बात का भी शोध होगा
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तुम यार बहुत बदमाश हो
फिर भी बहुत खास हो
दूर होके दिल के पास हो
तुम यार ......................
हकीकत हो या अहसास हो
रूठे हुए दिल की आस हो
तुम यार .......................
नटखट,चंचल और उदास हो
तुम पर उदासी बकवास हो
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