न कोई आरज़ू थी न ख़्वाहिश थी कोई,
बस तलाशता था एक दिल जो धड़के सिर्फ मेरे लिये l-
कुछ पलों का तेरा साथ खुशनसीबी थी मेरी,
तन्हाइयों के शहर में अब फिर से लौट आया हूँ l-
बस इतना सा है कसूर मेरा, तेरे इश्क का है फितूर मुझपे
है मेरा गम कि मैं दूर तुझसे, है तेरा गम कि तू दूर मुझसे
रह रहकर यादें सता रही हैं, हम दूर हैं ये जता रही हैं
है कितनी मोहब्बत तुमसे जानम, ये दूरियाँ, दिल को बता रही हैं
जैसे तू अभी भी बहक रही है मुझमें, तेरी खुश्बू महक रही है मुझमें
जैसे तू अभी भी लिपटी हुई है मुझसे, तेरी साँसें दहक रही है मुझमें
जैसे अभी भी चूम रहे हों, एक-दूसरे को हम बेतहासा
ऐसे कि जैसे तुम भी हो प्यासी, ऐसे कि जैसे मैं भी हूँ प्यासा
जैसे कि अभी भी हम साथ में बैठे पी रहे हैं चाय का प्याला,
जैसे कि अभी हम खिला रहे हों, एक-दूसरे को खाने का निवाला
जैसे कि अभी तुम हो मेरी गोंद में बैठी, और मुझसे खूब लिपट गयी हो,
जैसे कि तुम ही हो मेरी दुनिया मेरी बाहों में सिमट गयी हो
कैसे बताऊँ मैं तुमको जानू, कि कितना तुम याद आ रही हो,
बस तुम बहुत याद आ रही हो, और बहुत याद आ रही हो
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नफरत, दर्द, अश्क और इंतज़ार के सिवाय
क्या मेरे हिस्से में कुछ और भी है l
बहुत देखी हैं काली रातें दीपक,
क्या मेरे हिस्से में उजालों का कोई दौर भी है l-
वैसे भी जमाने से मेरा भरोसा उठ चुका था,
थोड़ा होने लगा था तुझपे, पर तूने भी उठा दिया l-
तुम नीलम के जैसी चमकती हो,
तुम जिया के जैसे धड़कती हो l
तुम जान हो मेरा दिल भी हो,
तुम मेरे सीने में धड़कती हो l
मेरी उम्र अगर लम्बी हो,
वो उम्र भी तुमको मिल जाये l
खुश रहो हमेशा जान मेरी,
तुम हँसो तो कलियाँ खिल जाये l
तुम ही हो मेरी दोस्त प्रिये,
तुम ही पत्नी और प्रियतमा हो l
मैं तुम बिन अब शरीर मात्र हूँ,
इस शरीर की तुम ही आत्मा हो l
अब तुम बिन जीना है व्यर्थ मेरा,
गर तुम हो तो मैं जिन्दा हूँ l
ये जो दिल है तेरा वो घर है मेरा,
तेरे दिल का मैं बाशिंदा हूँ l-
तेरी यादें साथ रहती हैं हर घड़ी हमदम,
सुरूर तेरा ही मुझपे सवार रहता है l
अब तो तेरे बिना कुछ भी नहीं भाता मुझको,
हरपल मुझे बस तेरा इंतज़ार रहता है l
अब तो मेरी धड़कने धड़कती हैं तेरी आहट से,
मेरा दिल तेरी खातिर बहुत बेकरार रहता है l
अब तो आलम ये है कि हर शख्स में तेरा अक्स नज़र आता है,
अब तो होठों पे राग दीपक या मल्हार रहता है l
तेरी यादें साथ रहती हैं हर घड़ी हमदम,
सुरूर तेरा ही मुझपे सवार रहता है l
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मेरे हर ख़्वाब में तुम हो, ख्वाबों की ताबीर में तुम हो,
मैं एक ऐसा चित्रकार हूँ, जिसकी हर तस्वीर में तुम हो l
मैं जहाँ-जहाँ भी जाता हूँ तुम साथ-साथ चलती हो,
मेरी हर साँस में तुम हो, मेरी तक़दीर में तुम हो l
तुम्ही हो मेरे दिल में, दिल की धड़कनों में तुम हो,
तुम ही हो मेरी आँखों में, इन आँखों के नीर में तुम हो l
मेरे हर ख़्वाब में तुम हो, ख्वाबों की ताबीर में तुम हो,
मैं एक ऐसा चित्रकार हूँ, जिसकी हर तस्वीर में तुम हो l
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वक्त की शाख से टूटा हुआ लम्हा हो गया हूँ मैं
पहले से भी कहीं ज्यादा अब तन्हा हो गया हूँ मैं l
कतरा-कतरा मिलते आये हैं, दर्द जो जमाने वाले,
समेटकर सारे दर्द, अब दरिया हो गया हूँ मैं l
पहले इंतज़ार नहीं रहता था किसी का मुझको
अब किसी के इंतज़ार में क्या से क्या हो गया हूँ मैं l
अब तो मिलता ही नहीं मुझमें वो पुराना दीपक,
जलते-बुझते, बुझते-जलते अब नया हो गया हूँ मैं l
वक्त की शाख से टूटा हुआ लम्हा हो गया हूँ मैं
पहले से भी कहीं ज्यादा अब तन्हा हो गया हूँ मैं l-