है निगाहें उसी मोड़ के उसी छोर पर..
जब जिंदगी की भोली सीरत को तोड़ कर..
तुमने कहा था अलविदा दिल हमारा निचोड़ कर..
आज भी बेसब्र बेपरवाह हो बिछा निगाहें *रोहिल्ला* दिल है उसी मोड़ पर..
इंतजार तेरा फ़िक्र तेरी कैसे न कहुं अगर कागज़ मैं-२
तो तु है कलम की जान मेरी..!!
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