Deepak Raj Patalwansi   (दीपक "अदीब")
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Joined 8 January 2021


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23 MAR AT 23:29

समय से भी मंहगी होती हैं भावनाएं,
इसलिए जो समझे उसी पर खर्च करिए।

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10 MAR AT 9:44

नारी
नारी तुम प्रेम हो,आस्था हो, विश्वास हो,
टूटी हुई उम्मीदों की एक मात्र आस हो।
हर जान का तुम ही तो आधार हो,
नफरत की दुनिया में तुम ही प्यार हो।
जग के लिए तुम ही आशा और प्रकाश हो,
तुम ही संसार का आदि-अनंत आकाश हो।
तुम ही जीवन का उमड़ता हुआ संग्राम हो,
तुम ही हर जीवन का अंत-पूर्ण विराम हो।
तुम सीता,राधा और मीरा सा हृदय विशाल,
तुम ही दुर्गा,काली सा रूप विकराल हो।
तुम ब्रम्हांड की हर रचना का आधार हो,
तुम व्योम सा अनंत, वारिधि सी अपार हो।
तुम ही वर्तमान हो, तुम ही इतिहास हो,
तुम ही श्रृंगार हो, तुम ही रति-प्रकाश हो।
तुम ही धैर्य हो,तुम ही निर्माण हो,
तुम ही गति हो ,तुम ही विनाश हो
हे नारी!
उठो और अपने अस्तित्व को संभालो,
एक दिन नहीं तुम हर दिन के लिए खास हो।

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28 FEB AT 11:18

आपके संस्कार बताते हैं
कि आपकी परवरिश हुई है,
या आप पाले गए हैं।

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27 FEB AT 6:35

एक लड़की है जो मेरी बातों पर यकीन नहीं करती है,
मैं जब भी उससे कहता हुँ
कि तुम दुनिया की सबसे खूबसूरत लड़की हो।
तो वो कहती हैं कि मैं झूठ बोल रहा हुँ,
वो कहती हैं कि इस दुनिया में और भी कई खूबसूरत चेहरे हैं।
अब मैं उसे कैसे बताऊं ?
कि खूबसूरत तो सितारे भी हैं,
ढेर सारे भी हैं।
पर चांद तो एक ही है न....

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13 FEB AT 5:34

परी
एक लड़की है या है वो कोई परी,
मासूम सा चेहरा सादगी से है भरी।
प्यारा सा चेहरा मासूमियत की मूरत है,
क्या ही लिखूँ, दिल की खूबसूरत है।
दिखावा तो उसे मानो आता ही नहीं,
सादगी के अलावा उसे कुछ भाता ही नहीं।
बहुत मासूम बिल्कुल जन्नत की परी है,
मासूमियत और संस्कारों से भरी है।
दीवाना हो गया हुँ सादगी का ऐसे,
आप चांद हो तारीफ़ करूँ तो कैसे ?
सारे श्रृंगार फीके हैं सादगी पर आपकी,
दिल की सुंदरता भी आला है आपकी।
इस बनावटी दुनिया में बिल्कुल अलग है वो,
लड़की नही आसमां से आयी चरग है वो।
खुशियां देना जानती है सभी को हर पल,
बिल्कुल ही पानी सी शीतल है अविरल।
मर्यादा में रहकर बो रिश्ते निभाती है,
सरलता,सहजता से सबको रिझाती है।
कितना लिखूँ यार तारीफें मैं आपकी,
नतमस्तक हुँ सादगी पर मैं आपकी।
बस दुआ इतनी है उस रब से मेरी,
दुनियाँ की हर खुशी दे झोली में तेरी।
खुश रहा करो, आप दुःखी अच्छे नहीं लगते,
खुश कर दूसरों को यूँ निराश आप अच्छे नहीं लगते।


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7 FEB AT 6:15

मैं एक ऐसा लड़का हुँ मोतरमा
जिसके पास कुछ विशेष नहीं है,
जो मैं आपको दे सकता हुँ वो है...
नरम दिल के साथ वफ़ादारी,
सागर से भी गहरा प्रेम,
आकाश से ऊँचा सम्मान
और भी बहुत कुछ जो
आप सोच भी नहीं सकते..
पर डर इसी बात का रहता है हमेशा
पता नहीं आप ये सब समझोगे भी या नहीं..

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7 FEB AT 5:38

आ चल खुद के खिलाफ़ एक जंग छेड़ते हैं,
दूसरों की नहीं खुद की खामियों से लड़ते हैं।
कौन क्या कर रहा है इन सब से निकलते हैं,
अपने अंदर चल खुद की कमियों से मिलते हैं।
अंधकार है जो अंदर अपने उस गली में चलते हैं,
अज्ञानता की निंदा कर उसे पैरों से मसलते हैं।
तू बड़ा, मैं बड़ा इस भ्रम से चल फिर अड़ते हैं,
आ चल खुद के खिलाफ़ एक जंग छेड़ते हैं।
दूसरों की बुराईयों से पीएचडी करने की बजाय,
खुद की ही अच्छाईयों से ही ग्रेजुएशन करते हैं।
चल इस दुनिया की चकाचौंध से निकलते हैं,
बुराईयों को छोड़ अच्छाईयों की सैर करते हैं।
ईर्ष्या,क्रोध,झूठ इन सब को किनारे रखते हैं,
प्रेम,धैर्य, सच का चल फिर से दामन पकड़ते हैं।
आ चल खुद के खिलाफ़ एक जंग छेड़ते हैं,
दूसरों की नहीं खुद कि कमियों से लड़ते हैं।
छल-कपट,दिखावा से एक कदम आगे बढ़ते हैं,
सरलता,सहजता की ओर चल फिर निकलते हैं।
आ इस दुनिया को अच्छी यादें देकर चलते हैं,
कड़वाहट को पैरों से ही मिटाते हुए निकलते हैं।
चल खुद से ये वादा कर उसी पर आगे बढ़ते हैं,
तू भी चल,मैं भी चलता हुँ इन सब से लड़ते हैं।
आ चल खुद के खिलाफ़ एक जंग छेड़ते हैं,
दूसरों की नहीं खुद की कमियों से लड़ते हैं।
- दीपक "अदीब"







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6 FEB AT 6:28

प्रेम
किसी व्यक्ति को पा लेना ही प्रेम नहीं है ,
उसी पर आकर ठहर जाना भी प्रेम ही है।
उसका बेसब्री से इंतजार करना भी प्रेम है,
उसकी हर पल फ़िक्र करना भी प्रेम ही है।
उसकी हर बातों को सुनना भी प्रेम ही है,
उसके सम्मान में नज़रें झुकाना भी प्रेम है।
उसके सामने होने पर बातें न होना भी प्रेम है
प्रेम सिर्फ़ शारीरिक नहीं होता,
प्रेम किसी व्यक्ति से नहीं होता,
प्रेम तो व्यक्तित्व से होता है,
इंसान के व्यवहार से होता है,
किसी की बातों से ही जब खुशी मिलती है,
तो उसे प्रेम कहते हैं।
किसी की परवाह करना तुम्हें सुकून दे,
तो उसे प्रेम कहते हैं।
तुम कितने अनमोल हो उसके लिए,
जब कोई तुम्हें ये महसूस कराता है तो ये प्रेम है।
अपने व्यस्त समय में से जब कोई समय निकालता है तो ये प्रेम है।
जिसको आप समझते हो और जो आपको समझता हो, ये प्रेम है।
ऐसे इंसान से बार बार आपको प्रेम होगा,
क्योंकि प्रेम व्यक्ति से नहीं, व्यक्तित्व से होता है।

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2 FEB AT 5:47

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25 JAN AT 9:23

कुशल और मर्यादित व्यवहार हमारे जीवन का आईना है,
इसका जितना अधिक इस्तेमाल करेंगे उतनी ही चमक बढ़ती जाएगी।

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