17 OCT 2017 AT 20:55

किताब

पन्ना पन्ना पलट गया
यूँ ज़िंदगी की किताब का
हर कोई मोल लगा रहा था
यहाँ बिकते हुए जज़्बातो का
हम यूँ ही खड़े थे भीड़ में
और सामना हो गया
रिश्तों के कारोबार का!!!!!!!!!

- दीपक पोखरियाल (deepocean