किताबपन्ना पन्ना पलट गयायूँ ज़िंदगी की किताब काहर कोई मोल लगा रहा थायहाँ बिकते हुए जज़्बातो काहम यूँ ही खड़े थे भीड़ मेंऔर सामना हो गयारिश्तों के कारोबार का!!!!!!!!! - दीपक पोखरियाल (deepocean
किताबपन्ना पन्ना पलट गयायूँ ज़िंदगी की किताब काहर कोई मोल लगा रहा थायहाँ बिकते हुए जज़्बातो काहम यूँ ही खड़े थे भीड़ मेंऔर सामना हो गयारिश्तों के कारोबार का!!!!!!!!!
- दीपक पोखरियाल (deepocean