मन कहता है कि किसी रोज़ उम्मीद से पूछ ही लूं
कि और कितना वक़्त लगेगा,
कितना वक़्त लगेगा
कितना ।.........-
On the journey to experience life....
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शुरुआत कहीं भुलाने की थी, पर अब तो याद रोज़ आने लगे हो - याद रोज़ आने लगे हो !.....
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तलाश मुझे कहीं तेरी है, आज भी आस कहीं तेरी है,
तेरा मिलना होगा या नहीं, पर यकीन मानना हर पल-हर क्षण बस कयास मुझे तेरी है, कयास तेरी है, तेरी है ।.........-
कुछ बचीं दुआओं में मांगने को
मुझमें बस अब इतनी सी ही इच्छा
बाकी है,कि जो भी मिल जाए
बस तेरे सहारे, जो भी मिल जाए कहीं,
बस तेरे सहारे, तेरे सहारे !...............-
मेरी क़िस्मत का कहीं मुझे अज़माना
हर दर - हर मोड़ ठोकर खाकर लड़खड़ाना
अपनी चाहतों से कहीं दूर हो जाना,
मन को कहीं बे-मन होकर समझाना,
बस वक़्त की बात है, वक़्त - वक़्त की
बात है, वक़्त की बात है!............-
किन्हीं उम्मीदों को बहुत उम्मीदें लगाए देखा है,
वो उम्मीदें बेशक टूटती हैं, बिखरती हैं पर उन उम्मीदों को प्रयास करती एक उम्मीद को ना टूटने का अहसास करवाते देखा है,
कुछ उम्मीदों को बहुत उम्मीद लगाए देखा है,
देखा है।..........-
जो मैं कहीं जो कुछ खो दूंगा, वही मेरा मेरे सपनों के लिए समर्पण है ।..........
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मेरा आंकलन वो सभी पल भर में कर लेंगे,
जिसने जिंदगी ही खुद को संवारने में लगा
दी हो ।............-
तुम्हें मैं ख़्वाब नहीं हक़ीक़त मानता हूं, क्योंकि ख़्वाबों के लिए तो लड़ा जाता है,
यूं दुआओं में मांगा नहीं जाता ।........-
जानती हो तुम्हारे ना मिलने
पर भी जिससे मैं मिला,
शाय़द वही कहीं मेरी तलाश थी
हां शाय़द वही तलाश थी
जहां मैं मिला,
शाय़द !.......-