मेरा आंकलन वो सभी पल भर में कर लेंगे,
जिसने जिंदगी ही खुद को संवारने में लगा
दी हो ।............-
तुम्हें मैं ख़्वाब नहीं हक़ीक़त मानता हूं, क्योंकि ख़्वाबों के लिए तो लड़ा जाता है,
यूं दुआओं में मांगा नहीं जाता ।........-
जानती हो तुम्हारे ना मिलने
पर भी जिससे मैं मिला,
शाय़द वही कहीं मेरी तलाश थी
हां शाय़द वही तलाश थी
जहां मैं मिला,
शाय़द !.......-
तुमसे अब बात को- तुमसे मुलाक़ात को
भले ही कहीं वक़्त हो गया हो,
पर जानती हो तुम हर रोज़ कहीं
हमारे ज़ेहन में आती हो पल भर को
सही पर कुछ बातें होती हैं - हमसे मुलाकातें
होती हैं,
तुमसे बात को भले ही कहीं वक़्त हो गया
हो - वक़्त हो गया हो !................-
लोग कहते हैं कि हमने तुम्हें खो दिया है पर उन लोगों को कैसे बतलाएं कि तुम्हें तो हमने बस सोच लेने भर से ही कहीं पा लिया है,
बस इतना ही सही पर पा लिया है तुम्हें,
हां तुम्हें ।।..............-
तुम्हारे बदल जाने से, हमने ने भी कहीं खुद को कुछ तो बदला है पर शाय़द हां जो ना बदल सके वो है तुम्हारे इंतज़ार में घंटों ताकती इन नज़रों को, इन नज़रों को - नज़रों को ।...........
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मालूम है तुम्हें कि जब तुम आए तो ये दिल कहीं गुलज़ार हो गया,
और आज तुम्हारे ना होने पर ये दिल कहीं फ़िर से वीरान हो गया - वीरान हो गया ।......-
कभी मन करे तो मिलने आना, हम उसी उम्मीद की छाया में कहीं बैठे मिलेंगे जहां सिर्फ़ घंटों तुम्हारा ही इंतज़ार रहता था- इंतज़ार रहता था,
कभी मन करे तो आना,
ज़रूर आना ।...............-
हम प्यार कहीं जताना जानते थे,
इसलिए कभी तुमसे बता ही ना सके,
पर अब जब तुम कहीं दूर हो,
तो ये दिल रोज़ लड़ता है मुझसे -
रोज़ लड़ता है ये दिल ।....-
याद है हमें तुमसे आखिरी मुलाक़ात में हम खुद को कहीं बयां कर बैठे थे,
पर अहसास है हमें आज भी कि शाय़द, कि शाय़द हम कहीं देर कर बैठे थे,
तुम हमें कुछ अधूरे ही मिले उस मुलाक़ात में, आखिरी बात में, पर सच कहें तो अधूरे ही सही - अधूरे ही सही
पर हमारी यादों में तो तुम कहीं हमें पूरे मिले,
हां कहीं यादों में तो पूरे मिले -
पूरे मिले ।........-