घर के ऊपर घर बने हैं,
एक दूसरे से अनजान हैं l
चलो दिखाते है शहर,
जिसका बहुत बखान है।।-
And Politicians
फिर से मुझे भड़काव मत,
बुझते चिंगारी को जलाव मत।
जगा अगर हैवानियत,
तो सब कुछ भस्म कर जाऊंगा ।
तुम जहा भी रहो दुनिया मे
तुझे खत्म करके ही सुकून पाऊंगा।।-
लगता है अभी जीवन जीना बाकी है।
जब एहसास होगा खत्म
आँख मेरा होगा उसी दिन बंद। ।-
वे मुझे इन्सानियत सीखा रहे थे
और खुद एक असहाय को सता रहे थे।
मैंने देखा उसे भूख से तड़पते हुए
वे थे कि उसे भूख से मरने के तरीक़े बता रहे थे। ।-
ख़्वाब से आँखों का रिश्ता
सदियों पुराना हैं ।
ख्वाबों का काम तो सिर्फ़ आना और जाना हैं ।।-
तुमसे बात नहीं करनी
फिर कभी मुलाकात नहीं करनी।
ग़र मिले किसे मोड़ पर तो,
अनजानों जैसे व्यवहार नहीं करनी। ।-
थोड़ी नादानी भी ज़रूरी है,
थोड़ी शैतानी ज़रूरी है,
जीवन जीने के लिए थोड़ी परेशानी भी ज़रूरी हैं। ।-
मानव ने फिर से मानवता को शर्मसार किया है,
एक बार फिर बुद्ध के बदले युद्ध का वरन किया हैं!!-
समय का इंतजार कर रहा हूं,
समय से लड़ने के लिए खुद को तैयार कर रहा हूं!
आए अब कितनी भी बधाए,
सबसे निकलने कि मार्ग तैयार कर रहा हूं!!-
जहर भी अपना हिसाब जरा अलग रखता हैं,
मरने के लिए जरा सा और जीने,
के लिए बहुत सारा पीना पड़ता है...!-