एक एक सांसो का धन्यवाद कीजिये,
दे खुदा का वास्ता अपना काम कीजिये।
सांसे जो चलती है नित ये क्या कम है,
फिर क्यूं खुदा को बदनाम कीजिये।-
सफर जिन्दगी की हर मोड़ पर सुहाना है,
हर एक मोड़ की अपनी अपनी कहानी है।
जिन्दगी में पछतावा शोक संताप क्या लेना है,
जिन्दगी बहता पानी है वक्त के साथ बढ़ जाना है।
जिन्दगी में जो होना है होकर हीं रहता है,
इसका क्या मतलब की डर कर बैठ जाना है।
जिन्दगी में हर एक पल पल पर समस्या है,
यारों बधाओं से निरंतर लड़ते जाना है।
सफऱ जिन्दगी की हर मोड़ पर सुहाना है,
हर एक मोड़ की अपनी अपनी कहानी है।-
मन पर कठिनायों के बादल छा जाते हैं,
इंसान कभी कभी खुद घबरा जाते हैं।
वक्त ने किसी को नहीं छोड़ा जग जाहिर है,
इंसान क्यूं इस बात को भुला जाते हैं।-
इंसानियत रखो
इंसानियत रखो दिल में, खुदगर्ज जमाना में भी,
दौलत तो आता जाता रहेगा, इंसानियत सलामत रहेगा।
कौन आया है यहां महल अटारी लेकर,
खाली हाथ आया है खाली हाथ हीं जाना पड़ेगा।
इंसानियत को मत कभी दरकिनार करना,
वरना वक्त पड़ने पर कभी खुद, खुद पड़ पछताना पड़ेगा।
इंसानियत रखो दिल में, खुदगर्ज जमाना में भी,
दौलत तो आता जाता रहेगा, इंसानियत सलामत रहेगा।-
मोहब्बत का होगा असर धीरे धीरे
आ के तु लग जा गले धीरे धीरे।
बालों के गजरा खिला धीरे धीरे,
दिल पर असर हुआ धीरे धीरे।
जब से निगाहें लड़ा धीरे धीरे,
सिलसिला दिल का बढ़ा धीर धीरे।
इन आँखों को लगी है तेरी तलब,
इक झलक दिखा जा धीरे धीरे।
ख्यालों में तेरी दिल धड़कने लगा,
अब ख्वाबों में आजा जरा धीरे धीरे।-
ये शाम दिल उनके ख्यालो के नाम,
बंद पलकों में जैसे छलकता हो जाम।
ये शाम आगे खुदा जाने,
मेरे मोहब्बत को जो हो अंजाम।-
जब तक सीखना जारी है,
जिन्दगी लगती प्यारी है।
जिन्दगी तो एक पहेली है,
हर पल समझना जारी है।
हल कहाँ निकलता है कल,
जिन्दगी आज पर भाड़ी है।
हर पल जंग है जिन्दगी,
इस से तो लड़ना जारी है।
जब तक सिखना जारी है,
जिन्दगी लगती प्यारी है।-
मिली है बहुत नसीब से मोहब्बत,
भला छोड़ कर तुम कहाँ जाओगे।
सुना है आग का दरिया है मोहब्बत,
बेवजह टकराओगे तो जल जाओगे।
अब बहुत सुकून है ख्यालों में उनके,
भले तुम रात रात भर जग जाओगे।
इन आँखों को चाहिए बस इक झलक,
बगैर उनको देखे आँखे तरस जाएंगे।
मिली है बहुत नसीब से मोहब्बत,
भला छोड़ कर तुम कहाँ जाओगे।-
करता रहा प्यार तुम्हें कहा भी नहीं,
मरता रहा प्यार में तेरे मरा भी नहीं।
निगाहों में जो देखा शैलाब मोहब्बत का,
डूबता गया प्यार में तेरे निकला भी नहीं।
अब तो ये दिल क़ायल है तेरी मोहब्बत का,
एक तुम हो जो पलट कर देखा भी नहीं।-
निगाह क्या मिली
उम्र की बहाव में निगाह क्या मिली,
मोहब्बत का सिलसिला शुरु हो गयी।
धड़कता है ये दिल जिसके लिए,
उन्हें भी इसकी खबर हो गयी।
देखते देखते वक्त यूं हीं गुजरता रहा,
आग मोहब्बत की धीरे धीरे बढ़ती गयी।
जब भी वो मिलती मुझे प्यार से,
निगाहों से दिल पर वो दस्तक दे गयी।
उम्र की बहाव में निगाह क्या मिली,
मोहब्बत का सिलसिला शुरु हो गयी।-