कौन हो तुम? क्यों तुम मेरे लिए इतने खास हो? क्यों चाहता हूं मैं की हर पल तुम्हारा अहसास हो? क्यों तुम मेरी ज़िंदगी के हर किस्से का एक खूबसूरत हिस्सा हो? क्यों मेरी जिंदगी का हर रास्ता तुम से होकर जाता है? क्यों तुमसे दूर होकर भी तुम्हारे पास होने का एहसास होता है? क्यों तुम गैर होकर भी अपने से लगते हो? क्यों तुम्हारे साथ सब कुछ अच्छा लगता है? क्यों तुम्हारे पास होने पर किसी और चीज की चाहत नहीं होती? कौन हो तुम? ???
चाहे तुम लाख बार गिरा दो, यह हमेशा मुझे ऊपर उठा देती है। इतनी शक्ति है इसमें, कि ये कोयले को भी हीरा बना देती है। सूरज भी ढल जाता है एक वक्त पर, पर मेरे अपनों की दुआएं हमेशा मेरे साथ होती हैं।
तरसोगे हमें देखने को खुद को इतना दूर कर देंगे। आपसे क्या हम किसी से नहीं मिलेंगे।। बात अगर आपकी खुशी की हो तो बात देना। मुहल्ला क्या ये दुनियां भी छोड़ देंगे।।
गलती आपकी नहीं , गलत तो हम है। आप तो बहोत अच्छे है। बुरे तो हम है। ख़्वाब हमने ही देखा था, इसीलिए हर्जाना भी हमने भरा। तभी तो अकेले आप नहीं, अकेले तो हम है।
यूं तो ये आंखें आपके दीदार का, मुसलसल इंतजार किया करती हैं। पर जब आप सामने आते हैं, कमबख्त ये पलके झुक जाया करती हैं। आज हमारी दूरियां कुछ यूं दूर हो जाए, की आंखों से पलकों का ये फासला ही मिट जाए।