कभी फुर्सत
मिले
ख्वाबों से
हकीकत में
आअो तुम !
जाअो मुझे तुमसे
नहीं करनी है बात
जाअो तुम!!
#Deepak Kumar 'Deep'-
ज़रा सी
रोशनी भी
बहुत अहमियत
रखती है जनाब
यकीन ना आए
तो उनसे पूछ लीजिए
जिनकी ज़िन्दगी में
अँधेरा ही अँधेरा है !
#Deepak Kumar 'Deep'-
तुम भी अधूरे, मैं भी अधूरा
टुकड़ों में जी रहे हैं
थाम लो जो हाथ
सफ़र हो जाए पूरा...
#Deepak Kumar 'Deep'-
सोमवार शाम को
मिलने का वादा था
तुमसे एक बात पूछनी थी
तुम्हारे शहर में
सोमवार नहीं आता
या शाम नहीं होती..
#Deepak Kumar 'Deep'-
कुछ तो खता रही होगी चाँद की भी
वर्ना यूँ बादलों में मुँह नहीं छुपाता!
----Deepak Kumar 'Deep'-
''साज़िश"
रचने वाले ने क्या- क्या,
साज़िशे नहीं रची मेरे खिलाफ़ !
कभी बारिश,
कभी बर्फ़बारी,
फिर भी तेरी याद
दिल से मिटा न सकी..!
...'Deepak Kumar 'Deep'-