धड़कनों को तुमने चुराया है दिल से
चाह कर भी तुमसे दूर जा न सकेंगे
हसरत हो तुम, पाया है मुश्किल से-
मोहब्बत की तलाश यहां ख़त्म होती है!
जो जिसका था, उधर गया
तू तो मेरा था, किधर गया
हम वफ़ा करके बिगड़ गए
तू बेवफ़ा हो सुधर गया
तुझको अपना माना था
वक्त पड़ा तू मुकर गया
सच कहूं इस हादसे के बाद
वहम नशा सब उतर गया
तुम तो सिमट गए बाहों में
मैं तन्हा था सो बिखर गया-
ख़ाली ख़ाली दिल है और उतरा उतरा चेहरा है
तमन्नाओं के बाज़ार में मजबूरियों का पहरा है
कोई शख़्स ऐसा भी है जो तुझे छूता है बेफ़िक्री से
मेरी मजाल कि मैं हटा दूं ये जो तिनका तेरे पे ठहरा है
मैंने मन्नत की तुझे पाने की पर पा न सका ए जान
तेरी क्यूं न सुनी ख़ुदा ने, क्या तेरा ख़ुदा भी बहरा है
फुर्सत ले कभी भूले भटके, आकर दिल का हाल तो पूछ
ये मेरा ज़ख्म, ये तेरा ज़ख्म, बता कौन सा गहरा है-
तुम जब से गए हो
पेड़ो पर झूले उदास लटक रहे है
बहारें इंतजार कर रही है-
नई राह दिखाओ मन को
लोभ लपट को फेंक निकाल
तुम स्वच्छ बनाओ मन को-
संदेश भरत का लाकर तुमने, हनुमत किया उपकार
शब्द नहीं इस भेंट पर प्रिय, बहुत बहुत आभार
संग संजीवन लेकर आए, मिट गया कष्ट-प्रहार
जब जब स्मरण होगा मेरा, पूजे जाओगे हर बार
जय श्री राम-
मुझे खींच ले जाती है उस ज़माने में
कि जब उसकी शक्ल दिखती थी हर पैमाने में
हर किताब में उसकी तस्वीर संजो लिया करते थे
तन्हा दिल और मैं तन्हाई में रो लिया करते थे
लिखकर मिटाना उसका नाम वाज़िब नहीं लगता था
कोई पढ़ न ले उसे तो आंसुओं से भिगो दिया करते थे
और गरीबी की कील पर मोहब्बत नहीं टांगी जाती थी
अना इतनी थी किसी से मदद भी नहीं मांगी जाती थी
ख़ाली जेब थी तो वक्त निकल गया था कमाने में
एक वक्त था, जब उसकी शक्ल दिखती थी पैमाने में-
कभी ऐसा हो तुमको मेरी तड़प उठे
बंधन, वादे, कसमें सारी तोड़कर आओ तुम
और सिर्फ़ मेरी बाहों की ख़ातिर ए मेरे सनम
आंगन, ममता, चैन वैन सब छोड़कर आओ तुम-