Deepak Goyal Poetry...   (Deepak V Goyal)
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I can convert the feelings into words
मोहब्बत की तलाश यहां ख़त्म होती है!
Joined 9 January 2019


I can convert the feelings into words
मोहब्बत की तलाश यहां ख़त्म होती है!
Joined 9 January 2019
7 MAY AT 12:14

धड़कनों को तुमने चुराया है दिल से
चाह कर भी तुमसे दूर जा न सकेंगे
हसरत हो तुम, पाया है मुश्किल से

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1 MAY AT 11:40

तू पहले सिर्फ़ एक पन्ना थी
अब मेरी डायरी हो गई ❤️

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1 MAY AT 11:14

जो जिसका था, उधर गया
तू तो मेरा था, किधर गया

हम वफ़ा करके बिगड़ गए
तू बेवफ़ा हो सुधर गया

तुझको अपना माना था
वक्त पड़ा तू मुकर गया

सच कहूं इस हादसे के बाद
वहम नशा सब उतर गया

तुम तो सिमट गए बाहों में
मैं तन्हा था सो बिखर गया

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29 APR AT 14:45

ख़ाली ख़ाली दिल है और उतरा उतरा चेहरा है
तमन्नाओं के बाज़ार में मजबूरियों का पहरा है
कोई शख़्स ऐसा भी है जो तुझे छूता है बेफ़िक्री से
मेरी मजाल कि मैं हटा दूं ये जो तिनका तेरे पे ठहरा है
मैंने मन्नत की तुझे पाने की पर पा न सका ए जान
तेरी क्यूं न सुनी ख़ुदा ने, क्या तेरा ख़ुदा भी बहरा है
फुर्सत ले कभी भूले भटके, आकर दिल का हाल तो पूछ
ये मेरा ज़ख्म, ये तेरा ज़ख्म, बता कौन सा गहरा है

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24 APR AT 12:08

तुम जब से गए हो
पेड़ो पर झूले उदास लटक रहे है
बहारें इंतजार कर रही है

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22 APR AT 12:39

नई राह दिखाओ मन को
लोभ लपट को फेंक निकाल
तुम स्वच्छ बनाओ मन को

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22 APR AT 12:36

शरीर द्वारा आत्माओं का मिलन

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22 APR AT 12:34

संदेश भरत का लाकर तुमने, हनुमत किया उपकार
शब्द नहीं इस भेंट पर प्रिय, बहुत बहुत आभार
संग संजीवन लेकर आए, मिट गया कष्ट-प्रहार
जब जब स्मरण होगा मेरा, पूजे जाओगे हर बार
जय श्री राम

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12 APR AT 14:38

मुझे खींच ले जाती है उस ज़माने में
कि जब उसकी शक्ल दिखती थी हर पैमाने में

हर किताब में उसकी तस्वीर संजो लिया करते थे
तन्हा दिल और मैं तन्हाई में रो लिया करते थे
लिखकर मिटाना उसका नाम वाज़िब नहीं लगता था
कोई पढ़ न ले उसे तो आंसुओं से भिगो दिया करते थे

और गरीबी की कील पर मोहब्बत नहीं टांगी जाती थी
अना इतनी थी किसी से मदद भी नहीं मांगी जाती थी
ख़ाली जेब थी तो वक्त निकल गया था कमाने में
एक वक्त था, जब उसकी शक्ल दिखती थी पैमाने में

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12 APR AT 14:26

कभी ऐसा हो तुमको मेरी तड़प उठे
बंधन, वादे, कसमें सारी तोड़कर आओ तुम
और सिर्फ़ मेरी बाहों की ख़ातिर ए मेरे सनम
आंगन, ममता, चैन वैन सब छोड़कर आओ तुम

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