कितना बदनसीब था वो शख्स,जो तुम्हे पा ना सका.
कितना बदनसीब था वो शख्स,जो तुम्हे पा ना सका.
तुम्हे पूरा पा कर भी, पा ना सका.
मे कुशनसीब तो हु,तुम्हे अपना मान कर,
पर अफ़सोस इस बात का है.
ना मे तुम्हे अपना बना सकता हु,ना तुम्हे अपना बता सकता हु.
ना तुम पर हक़ जाता सकता हु, ना तुम्हारे लिए कुछ कर सकता हु.
ना तुम्हे उस खुदा से मांग सकता हु.
ना तेरे दिल पर लगे जख्म मिटा सकता हु.
कुशनसीब तो हु मे,बस किस्मत का मारा हु.
खेर ज़िन्दगी मे अनमोल शख्स हमेशा हरा हु.
कुशनसीब तो हु मे,तुम्हे पा कर भी अधूरा हु मे.
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तो अर्ज़ किया है।
ज़िन्दगी मे मलाल भोहत है, जो बया कर नहीं सकता मे।
फिलाल सर्फ़ इतना मलाल है।
की भेटि है वो मेरे सामने,जिनके आँखों का कायल हु मे।
तब से, जब उन्हें देखा था मैंने तस्वीरों मे पेहली दफा।
उनकी आँखों को, मे जी भर के देख नहीं सकता,डर है मुझे।
कही बे वजहा सरे आम बदनाम ना हो जाये वो।
दिल केहता है, उनसे बाते कर जी भर के।
मगर मोहतरमा केहते है,मुझसे बाते ना कर दिल खोल के।
जिस्म केहता है, उन्हें अपनी बाहो मे ले लू, मगर।
मोहतरमा ने कहा है,दूर रहा कर मुझसे।
यु नजदीकिया ना बड़ा मुझसे।
ज़िन्दगी मे मलाल भोहत है,फिलाल सर्फ़ इतना मलाल है।
ना बया कर सकते है,ना सुना सकते है अपना हाल किसी को।
मोहतरमा ने कहा है,तुम एक राज हो।
यु सरे आम तुम्हे बाँट नहीं सकते।
मोहतरमा ने कहा है,वरना हम सरे आम उन्हें अपना बता देते।
उनकी खुशी मुझे राज रकने मे, मंजूर है मुझे उनके सरे फैसले।
मगर फिलाल उनसे मुझे दूरिया मंजूर नहीं,
मे इंतज़ार करुगा उनके लौट आने की।
सिर्फ एक ही है वो मैरी जीसे सब कुछ मना है,
मैरी M@@ के बाद J
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ना तुम पर हक़ जाता सकता हु,ना तुम्हारे करीब आ सकता हु।
जो तू कहे वो मे रिश्ता निभा सकता हु,
मगर इस दिल को मे कैसे रोकू,
जो धीरे धीरे तुम्हारे करीब आ रहा है.
मुझे अपने दिल की फ़िक्र नहीं,उसे तो बचपन से आदत है.
जो अनमोल है ज़िन्दगी मे, वो अक्सर खोता आ रहा है.
मुझे तुम्हरे दिल की फ़िक्र है,
मैरी गलतियों की सजा तुम्हे ना मिले.
मैरी लापरवाइयो की सजा मुझे ही मिले,पर ये दूरिया ना मिले.
हम करीब है इतना,हम करीब है इतने.
एक दूसरे के बिना बोले सब कुछ समझ जाते है.
पर तू आसमान है, तो मे आम इंसान.
कितनी ही कोशिश कर लू मे तुम्हे पा नहीं सकता.
तुम एक चाँद और कई सितारे है तुम्हारे पास.
और जो हदे बनाई है,
और जो हदे बनाई है.
तुमने छा कर भी उन्हें मे पार नहीं कर सकता.
तुम्हे कही खो ना दू इस बात का डर है मुझे.
मैरी माँ मेरी ज़िन्दगी है तो तुम सुकून हो फिलाल मेरा.
जब तक हो तब तक मेरे सुकून का जरिया हो तुम.
ना तुम पर हक़ जता सकता हु.
ना तुम्हारे करीब आ सकता हु.
तू जो कहे वो रिश्ता निभा सकता हु मे तेरी खुशिया के खातिर.
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Life is a unpredictable,
The people who say lies & greedy.
Are most happy person in the life,
because they are not ashamed of self respect.
The person who say true and & free from greedyness, they always hurt themselves.
Because they say true.
And in today world those are saying lies and greedy person all people like them,
because they are happy with them after they say lies also because that person is also greedy for self happiness.
but never told truth because it's hurt always, but after that lies come under the light it's hurt more then we think.
but it's good for the brightest future for them & for Ower self.
And I can't lie to her & make fake promises that I never able to full fil its hurts me more than u when I say lie to u.-
देखो सुनो।
मैरी नादानियों की सजा,
सिर्फ मुझे और मेरे इस दिल को मिले तुम्हे नहीं।
अब हर बार बस यहीं दुआ करू मे.
क्यों की मे तुम्हारे दर्द की वजहा बन चूका हु.
तुम्हारी हर खाविश पूरी कर सकूँ मे, इस लायक मे नहीं।
तुम्हारी हर ज़िद पूरी कर सकूँ मे, इतना बड़ा नहीं मे।
तुम्हारे लिए कुछ कर सकूँ मे, इतना काबिल मे नहीं।
तुम मेरे करीब हो या नहीं, पाता नहीं.
तुम्हे पूरी तरहा जनता हु या नहीं, पता नहीं.
तुम पर मेरा हक़ नहीं, ये जानू मे.
तुम्हे अपना कहें सकूँ, इतना खुश नसीब नहीं मे.
मे और मेरा दिल तुमसे जुड़ चूका है,
अब मे बया करू सकूँ तुम्हे,इतनी मेरी हैसियत नहीं.
मैरी नादानियो की साझा सिर्फ मुझे मिले तुम्हे नहीं.
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वो केहती है मुझ से, वो केहती है मुझ से,
मे सब कुच्छ हु उसका।
यहीं बात मेरे दिल को छू जाती है उसकी,
मेरी रूह को मेरे दिल को सुकून दे जाती है।
वो जानती है,मुझे मोहब्बत है उसे,
वो जानती है,मुझे मोहब्बत है उसे.
मुझे दोस्त बोल कर रोक देती है मुझे, करीब आने से उसके।
बीते लम्हे उसे डराते है, मुझे पास आने से उसे रोकते है.
कही फिर दिल से हर गई, तो ज़िन्दगी से ना हर जाये।
काफ़ी वक्त लगा है उसे, उन हसीन बीते लम्हो से बहार आने मे.
काफ़ी लोग खड़े है उसका हाथ पकड़ने के लिए.
वो मेरे साथ चले या किसी और के साथ।
वो खुश है, सुकून मे है, वो खुश है, सुकून मे है,
काफ़ी है मेरे दिल के लिए,
बस यहीं दुआ करू मे हर बार उसके लिए।
मे उसका साथ छोड़ दू उसकी खुशी के लिए।
वो केहती है मुझ से,मे सब कुच्छ हु उसका।
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तेरी हर ख्वाइश मे पूरी कर नहीं सकता।
तेरी हर ज़िदद मे पूरी कर नहीं सकता।
पर तेरी सलामती और खैरियत के खातिर,
मे मंदिर, मजीद, गुरुदवारा, दरगह, गिरजाघर,
हर दर पर माथा टेक आउ मे।
तेरी खुशी के खातिर मे तुझ से ही जुदा हो जोऊ मे।
तुम खुश हो, खैरियत से हो बस।
इतनी ख़बर दे दिया करो मुझे,मेरे सुकून के लिए इतना काफ़ी है।
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काश।
तुम्हारा हाथ पकड़ कर, सारे दर्द को, मे अपना बना लेता।
तुम्हारे साथ चल कर, मे तुम्हारे सारे ग़मो को मिटा देता।
काश।
मे तुम्हारा हर ख्वाब पूरा कर पाता।
मे तुम्हारी मुस्कान की वजहा बन पाता।
काश।
जब तक हो तुम,
तब तक मे तुम्हारी ज़िन्दगी का एक हिंसा बन जाता।
काश।
ना तुम मुझ से दूर, ना मे तुमसे दूर होता इस कदर।
जब तक हो तुम तब तक तुम्हारे साथ चल पाता।
काश ये सब सच हो पाता।
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मेरी हर दुआ कबूल हो जाये,
मेरी हर दुआ कबूल हो जाये,
इतनी अच्छी मेरी किस्मत नहीं।
उसे किस्मत से छीन लू, इतनी मेरी हैसियत नहीं।
डरता हु मे उसे खोने से,वो मेरी ज़िन्दगी का।
एक हसीन तौफा है,बस इतना कुशनसीब हु मे।
वो सिर्फ मेरा है,
वो सिर्फ मेरा है,
इतना हक़ भी नहीं मुझे कहने का उसे।
वो अपनी माँ का इतना अनमोल खजाना है,
उसके आगे मे कुच्छ भी नहीं।
वो मेरी ज़िन्दगी का एक कीमती हिंसा है,
सरे आम केह सकूँ,मुझे इतना भी हक़ नहीं।
मे एक राज हु, उसकी ज़िन्दगी का।
वो मुझे बाँट ले, उसे भी इतना हक़ नहीं।
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अजीब दास्तान है इस दिल की.
कश्मकश मे है, अपनी ही उलझनों मे खोया हुआ है.
आजादी है इसे उस पर हक़ जताने का पर जाता नहीं सकता है.
उसके लिए बेबाक होना मंजूर है, पर हो नहीं सकता.
इसे इश्क़ तो है पर, मोहोबत का इज़हार नहीं कर सकता.
सारा अपना हाल बया कर दे ये दिल,पर कर नहीं सकता.
राज काफ़ी है इस दिल मे जो बया नहीं कर सकता.
ये दिल डरता है थोड़ा.कही इस पल का भी सुकून ना खो दे.
और कौफ इस बात का है, कही देर ना हो जाये.
सारे राज बया होने से पहले ही, कही दूर ना हो जाये ज़िन्दगी से.
अजीब दास्तान है इस दिल की ज़िन्दगी मे.
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