ये इश्क़ की चुप्पी भी क्या गुल खिलाती हैं ना मिलाती है, ना जगाती हैं, ना सुलाती हैं... - DB🅰️rymoulik
ये इश्क़ की चुप्पी भी क्या गुल खिलाती हैं ना मिलाती है, ना जगाती हैं, ना सुलाती हैं...
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