1 NOV 2019 AT 20:11

मोहब्ते खैरात की अब आम हो गई हैं !
हसरते इश्क़ की अब गुलाम हो गई हैं !!
नफरते इश्क़ की सरे आम हो रहीं हैं !
गज़ले मजनुओं की वे-काम हो रहीं हैं !!

- DB🅰️rymoulik